-श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन
उदयपुर. शिव-पार्वती सेवा समिति तथा आलोक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जारी श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन वृंदावन धाम के बालयोगी ईश्वरचंद महाराज ने बताया कि भागवत ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का संगम है। यह वो कल्पवृक्ष है जिससे श्रद्धा और विश्वास के साथ श्रवण करने पर जो मांगते हैं, मिल जाता नियमों के साथ कथा श्रवण से मनोकामना पूर्ण होती है, पापी पुण्यात्माएं बन जातीं हैं।
उन्होंने कहा कि जब राम की कृपा होती है तब जीवन में संत दरस होता है और जब संतों की कृपा होती है तो जीवन में कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं। जब सूर्य उदय होता है तो सारा अंधेरा खत्म हो जाता है, लेकिन फिर भी सूर्य का प्रकाश सब जगह नहीं पहुंच पाता है। लेकिन ज्ञान के सूर्य से कोई भी जगह वंचित नहीं है। यह करोड़ों सूर्य के समान प्रकाशित होता रहता है। जिस- जिस पर ज्ञान का प्रकाश पड़ता है वह धन्य हो जाता है, कृष्णमय हो जाता है। जरूरत से ज्यादा इच्छा रखना हमेशा बुरा होता है। इच्छाएं अपार होती हैं, ये कभी खत्म नहीं होती। परमात्मा सारी जरूरतें पूरी करता है, कामना कभी किसी की पूरी नहीं होती। संतों के चरणों में आकर अपना मद व अहंकार भूल कर गोविंद के हो जाओ, बेड़ा पार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आजकल वस्त्र, आभूषण किराए पर मिल जाते हैं, गाडिय़ां, मकान किराए पर मिल जाते हैं। आजकल तो मा बाप व बच्चे भी किराए पर मिल जाते हैं। सब कुछ किराए पर मिल जाएगा लेकिन न तो परमात्मा किराए पर मिलेगा, न गुरु न भक्ति, न परमात्मा। जिस दिन यह जान लेंगे जीवन का कल्याण हो जाएगा। कल्याण के लिए तुम्हें कर्म करना होगा, ईश्वर की भक्ति करनी होगी। प्रभु के नाम का दान करो, प्रभु की कथा का पान करो, उसकी माधुर्य छवि का ध्यान करो। कृष्ण की परम सत्य है।
प्रभात फेरियों का दौर जारी : शिव पार्वती सेवा समिति की अध्यक्ष सरला गुप्ता ने बताया कि रोजाना प्रभात फेरियों का दौर जारी है। संज्ञान सेवा संस्थान व सेवा समिति सदस्यों ने कथा के दौरान भक्ति भजन भी प्रस्तुत किए।