उदयपुर। भ्रूण हत्या के प्रति अब जनता के मन में आक्रोश इस कदर व्याप्त होने लगा है कि मानो मन ही मन जनता ने किसी भी स्थिति में भ्रूण हत्या नहीं करने का प्रण ले लिया हो और भ्रूण हत्या करने वालों के विरूद्ध अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए अनूठे स्लोगन लिख रहे हैं।
भारतीय लायन्स परिसंघ द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में कल प्रथम विजेता रही प्रिया मेहता लिखती है कि भ्रूण हत्या करने वाले डॉक्टर नहीं हत्यारे है, मानवता की छाती पर ये जलते हुए अंगारे है, काम कीट है महापापी ये,नर-नारी मां-बाप नहीं, जो कन्या का भ्रूण गिराये,इससे बढ़ा पाप नहीं,महान दुष्टा नारी है, वह माता है, हत्या करने वाले डॉक्टर शत-प्रतिशत दानव है।
परिसंघ की प्रणिता तलेसरा ने बताया कि कल द्वितीय विजेता रही आशा दोशी ने लिखा कि दूरबीन से न जांच कराओ, पंचेन्द्रीय हत्या महापाप है, गर्भ में न कत्ल कराओ, मत सोचो लडक़ी अभिशाप है। प्रत्येक जीव है जीना चाहता, मरना किसे स्वीकार है, कन्या को मत मारो, यह सभ्य व्यवहार है। दोनों विजेताओं को मुख्य अतिथि डॉ. निर्मल बंसल, संपत कुम्भट व विशिष्ठ अतिथि हेमराज सालवी ने पुरूस्कृत किया।