जनता को कुछ भी समझाया जाए लेकिन लालच में नहीं आने की बात हर किसी के समझ में इतनी आसानी से नहीं आती. चाहे वह एमएलएम की तरह मार्केटिंग का काम हो, मेंबर बनाने का काम हो या फिर मेम्बर को कंपनी का सामान बेचने का काम हो. आज के जमाने में हर आदमी को आसान तरीके से पैसा कमाना है, चाहे वह किसी भी तरह हो।
दो दिन पूर्व भवानी मंडी थाना पुलिस के दो दिन पूर्व चिटफंड कंपनी के मामले में भी कुछ ऐसा ही होना बताया गया है. बताते हैं कि उक्त आरोपी ने 3 वर्ष पूर्व यहां लोगों को एक योजना बताई. इस योजना के तहत प्रार्थी को कंपनी में डाउन पेमेंट के अलावा 80,000 रुपये ये आरोपी लेते थे. इसके बाद आने वाली सभी किश्तें ये साहब चुकाते थे.
खास बात यह कि इसमें भले ही गाडी 3 या 6 लाख की हो, ये भाईसाहब वही 80,000 लेते थे और सभी किश्तें चुकाते थे. सूत्रों के अनुसार ऐसे कुछ लोगों के पास गाडी आ भी गयी और किश्तें भी चुका दी गयी. इसका अर्थ यह कि इन साहब को तब सिर्फ बाज़ार से पैसा एकत्र करना था. 80-80,000 करके ऐसे न जाने कितनी रकम इन्होंंने एकत्र कर ली.
जानकारों ने यह भी बताया कि इन साहब के पास ऐसे-ऐसे वृद्ध लोगों की लंबी लाइन लगी रहती थी जो अपने जीवन भर की कमाई सौपने के लिए तैयार रहते थे. अब उनमें से शायद कोई सामने आकर कारवाई करे. एक मामला सामने आया है, ऐसे कई मामले होंगे, जिनमें वादी सामने ही नहीं आता.