खत्म नहीं हुई है संभावनाएं
उदयपुर। फिलहाल उदयपुर को बी-2 श्रेणी मिलना टल गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से नगर परिषद सभापति को लिखे पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है। मंत्रालय के अवर सचिव अनिल शर्मा ने सभापति रजनी डांगी को लिखे पत्र में बी-2 श्रेणी देने में असमर्थता व्यक्त की।
केन्द्र ने यह निर्णय वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर किया है, तब जनसंख्या 3 लाख 89 हजार 438 थी। सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार ए, बी, सी श्रेणियों को एक्स3, वाई एवं जेड श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया था। 1 सितम्बर 2008 के बाद ए-1 को एक्सो, ए, बी-1 व बी-2 को वाई तथा सी सहित अन्य अवर्गीकृत शहरों को जेड श्रेणी में शिफ्ट कर दिया गया।
क्या है संभावनाएं
हालांकि यह निर्णय वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर किया गया है। अगर सांसद सहित अन्यं जनप्रतिनिधि प्रयास करें तो वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बी-2 यानी वाई का दर्जा मिल सकता है। शहरी सीमा से सटे गांवों को शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा पांच लाख को पार कर जाएगा।