90 बी निरस्ती का कोई मुआवजा नहीं
उदयपुर (udaipurnews). गत दिनों बारिश के बाद udaipur के कई क्षेत्रों में जल प्लावन की स्थिति के बाद यूआईटी ने खाली पड़े प्लोट्स की नीलामी करने का निर्णय कर लिया है. खाली पड़े प्लोट्स में पानी भर जाने के कारण आस पास के बसे लोग वहां हो रहे मच्छरों से काफी परेशान रहे. रूप सागर तालाब के डूब क्षेत्र में आने वाले लोगों की ९०-बी निरस्त करने के बाद यूआईटी ने इन्हें किसी प्रकार का मुआवजा देने से साफ़ इनकार कर दिया है. ९० बी यानि किसी भी जमीन को आवासीय परिसर घोषित करना. उल्लेखनीय है कि गत दिनों बारिश के बाद रूप सागर तालाब के डूब क्षेत्र में आ रहे मकानों में पानी भर गया था जिससे लोगों का वहां रहना मुश्किल हो गया. इनमें अरिहंत नगर, पंजाबी बाग आदि कॉलोनियां शामिल हैं. बाद में जिला कलक्टर हेमंत गेरा ने यूआईटी को तालाब सीमांकन के निर्देश दिए. इस पर यूआईटी अधिकारीयों ने सीमांकन का काम शुरू किया. साथ ही यूआईटी अधिकारीयों ने डूब क्षेत्र में आने वाले सभी मकानो की ९०-बी निरस्त कर दी है. जानकारों के अनुसार फिलहाल कुछ मकानों की ही ९०-बी निरस्त की गई है. डूब क्षेत्र में आने वाले मकानों का चयन कर शीघ्र ही ९०-बी निरस्त की जायेगी. यूआईटी अधिकारीयों का कहना है कि मकान बनाने वालों को मालूम था उन्हें बेचे गए प्लाट तालाब के डूब क्षेत्र में हैं. उन्हें मकान बनाने से पूर्व सोचना चाहिए था. न्यायालय का भी यही आदेश है. इसलिए इसके लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जायेगा.
सीमा ही नहीं
आश्चर्य की बात यह कि रूप सागर तालाब की राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार कोई सीमा ही नहीं है.अरिहंत नगर निवासी संजीव तलवार के सूचना मांगने पर तहसीलदार ने उन्हें बताया कि रूप सागर सीमांकन का पतवार मंडल पर उपलब्ध नक्शा व ट्रेस में किसी प्रकार की कोई सीमा नहीं दर्शायी गई है.