उदयपुर. वेदांता समूह की कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी जस्ता की निर्माता हिंदुस्तान जिंक 20-22 अक्टूबर, तक उदयपुर में प्रस्तावित खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी (MPT) पर 12 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एमपीटी – 2011) की मेजबानी करेगा.
वर्ष 2000 के बाद खनिज इंजीनियर्स के भारतीय संस्थान (IIME) भारत में खनिज उद्योग के साथ सहयोग में विभिन्न स्थानों पर (MPT) हो चुकी है. गत वर्ष यह जमशेदपुर में हुई थी. हिन्दुस्तान जिंक भारतीय जस्ता बाजार में 85% से अधिक का अपना हिस्सा रखता है. खनिज उद्योग के लिए खनिज संसाधन के मुद्दों, पहल मंथन, धातु और खनिज संसाधन से अपशिष्ट प्रबंधन की निकासी के मामले में समाधान खोजने के लिए खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी (MPT) एक मंच के रूप में सामने आया है.
कंपनी ने भी मूल्यवान कचरा प्रबंधन परियोजनाओं जिसमें विकसित करने के लिए बीटा केक से कोबाल्ट वसूल प्रक्रिया, नेतृत्व और anode कीचड़ से चांदी की वसूली के लिए प्रक्रिया है, और तांबे सीमेंट से तांबे सल्फेट ठीक करने की प्रक्रिया विकसित की है.
खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर 12 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एमपीटी – 2011), संयुक्त रूप से हिंदुस्तान जिंक और भारतीय खनिज इंजीनियर्स संस्थान (IIME) के आयोजन से पहले ही 230 शोध पत्र प्राप्त हुए हैं और सम्मेलन में 200 प्रस्तुतियों के बारे में देखने की उम्मीद है.
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