जोर-जबरदस्ती करने का आरोप
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उदयपुर udaipur. मीरा गर्ल्स कॉलेज में अधिक फीस तथा स्ववित्त पोषी पाठ्यक्रमों को लेकर छात्राओं को धरना स्थल से उठाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. अनशन एनएसयूआई की पूर्व अध्यक्ष प्रियंका झाला के नेतृत्व में किया जा रहा था. उधर महाविद्यालय अध्यक्ष उषा डांगी के नेतृत्व में छात्राओं ने कॉलेज बंद कराया.
जानकारी के अनुसार अनशन कर रही छात्राओं को समझाने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर एम. एल. चौहान पहुंचे. उनके साथ चिकित्सकों का दल भी था. चिकित्सकों ने अनशन कर रही प्रियंका झाला की जांच कर उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराने की सलाह दी.
छात्राओं का आरोप
उनके रजामंद होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें जबरन उठा दिया. न सिर्फ उठा दिया बल्कि उनके साथ जोर-जबरदस्ती कर उन्हें घसीटा गया. महिला कांस्टेबल के अलावा उन्हें पुरुष कांस्टेबलो ने भी घसीटा. इस छीना-झपटी में कुछ लड़कियों के कपडे भी फट गए. जिला प्रशासन ने जोर-जबरदस्ती से उठा दिया.
मुख्यमंत्री को बताएँगे
एनएनयूआई के जिलाध्यक्ष गौरव भंडारी ने बताया कि लड़कों का वहां जाना अलाऊ नहीं है तो पुलिस कांस्टेबल कैसे पहुँच गए. हम इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र देने जयपुर जा रहे हैं. लड़कियों के हाथ-सर पर चोटें आई है.
प्रियंका का कदम गलत
उधर सुविवि की उपाध्यक्ष पलकांश राव का कहना है कि प्रियंका हमारी राष्ट्रीय प्रतिनिधि हैं, साथ ही हमारी ही सरकार है तो उन्हें अनशन जैसा कदम सबसे अंत में उठाना चाहिए था. इससे पहले भी कई रास्ते हैं. रही बात उनके साथ बदसलूकी की तो वो बिलकुल गलत है. वो नहीं होनी चाहिए थी.
क्यूँ किया अनशन
स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रमों को नियमित नहीं किया जा रहा है. एनएसयूआई लगातार इन कोर्सेस को नियमित करने की मांग कर रही है. कॉलेज में पांच साल से विज्ञान व कला के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम चल रहे हैं. इस कारण छात्राओं को भारी फीस के चलते या तो पढ़ाई छोडनी पड़ती है या दूसरे विषयों में अध्ययन करना पड़ता है.
सब बात गलत
अतिरिक्त जिला कलक्टर एम. एल. चौहान ने बताया कि छीना-झपटी जैसे कोई बात नहीं हुई. चिकित्सकों ने अनशन कर रही छात्रा की जांच की. उन्ही की सलाह पर छात्रा को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. नहीं किसी के कपडे फटे हैं. मैं तो मौके पर ही मौजूद था.
मेरी जानकारी में नहीं
जिला कलक्टर हेमंत गेरा ने बताया कि मेरी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं हुआ है. अनशन कर रही बच्ची को चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला कांस्टेबल ने उसे उठाया और एम्बुलेंस में ले गए.
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