खनिज विशेषज्ञों का अंतरराष्ट्रीय खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिक-2011 सम्मेलन शुरू
उदयपुर. udaipur देश की अर्थव्यवस्था के विकास में खनिज उद्योगों एवं मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान रहा है। हिन्दुस्तान जिंक ने निजी क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है तथा देश की विकास दर में उल्लेखनीय योगदान दिया है। दूसरे निजी उद्योगों को वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक से प्रेरेणा लेनी चाहिए। ये विचार भारत सरकार के खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव जी. श्रीनिवास ने १२वें अंतर्राष्ट्रीय खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिक सम्मेलन के उद्घाटन समोराह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये.
वेदान्ता समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. एस. मेहता ने खनिज विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वेदान्ता एवं हिन्दुस्तान जिंक पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा के प्रति सदैव सजग रहा है साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए हमने शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण युवकों को स्वरोजगार, बाल विकास, कृषि, पशु, पेयजल व्यवस्था तथा आधारभूत सुविधाओं से कंपनी की इकाइयों के आस-पास 5,००,००० लोग लाभान्वित हो रहे हैं. वेदान्ता समूह बिजली व पवन ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता हासिल करने की ओर अग्रसर है.
भारतीय खान ब्यूरो के मुख्य नियंत्रक सी.एस. गुडेवार ने खनन के नाम पर आजकल नकारात्मक चर्चाएं आम हैं, परन्तु खनन के सकारात्मक पक्ष को समाज के सामने लाना अतिआवश्यक है। इस हेतु खनन से जुड़े प्रोफेसनल्स को खनन क्षेत्र में नियमपरक सुरक्षित खनन हेतु पाबन्द होकर खनन क्षेत्र से जुड़े माईनिंग अभियान्ताओं को खनिज सम्भावनाओं के लिए अधिक प्रयास करने का आव्हान किया ।
खान सुरक्षा के उप निदेशक राहुल गुआ ने सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में खनिजों के प्रचूर भण्डार है तथा उनका उचित तरीके से दोहन करने की आवश्यकता है। राजस्थान में विभिन्न प्रकार के खनिजों की उपलब्धता को दर्शाता है। यहां अभी भी कई खनिज भण्डार है मौजूद है, जिन्हें खोजना बाकी है। उन्होंने कहा कि खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खनन क्षेत्र के विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
भारतीय खनिज अभियांत्रिकी संस्थान (आई.आई.एम.ई.) के प्रो. वेणुगोपाल ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था खनिज उद्योगों पर निर्भर है तथा देश की विकास दर में महत्वपूर्ण भूमिका है। वैश्वीकरण में प्रतिभागिता के लिए भी खनिज उद्योगों का महत्वपूर्ण स्थान है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी अखिलेश जोशी ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक दुनिया का सबसे बड़ी एकमात्र एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक कंपनी है। रामपुरा-आगुचा खान दुनियां की सबसे बड़ी ऑपन कास्ट खदान है। हिन्दुस्तान जिंक की जावर, राजपुरा-दरीबा, सिन्देसर खुर्द, रामपुरा-आगुचा में खनन इकाइयां है तथा चन्देरिया लेड-जिंक स्मेल्टर, जिंक स्मेल्टर देबारी, विजाग जिंक स्मेल्टर, राजपुरा-दरीबा काम्पलेक्स में स्मेल्टर इकाइयां हैं.
तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने पत्रवाचन किये. इनमें प्रो. सिरिल ऑ. कॉन्नोर, प्रो. जी. एस. रूनवाल, प्रो. के. नटराजन, प्रो. बी. के. मिश्रा, प्रो. गिसेपी बोनीफेजी, प्रो. जुआन बी. यीआनटोस, प्रो. टी. सी. राव, प्रो. गुवेन ऑनल, प्रो. के.हनुमंथा राव एवं प्रो. राल्फ डी होम्स शामिल हैं.
मुख्य अतिथि खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव (खान) जी. श्रीनिवासन एवं वेदान्ता समूह के सीईओ एम. एस. मेहता ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया. हिन्दुस्तान जिंक के अधिशासी निदेशक सुनील दुग्गल ने सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं दी.. के. डी. शर्मा ने आगन्तुको एवं गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया. संचालन गीताजंली प्रसाद ने किया.
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