उदयपुर. गांधीजी की एक बात याद आती है कि निज पर शासन फिर अनुशासन. यानी पहले खुद पर शासन करो फिर दूसरों पर अनुशासन की बात करो लेकिन अगर हम दुनिया से सच्चाई की बातों पर चलने को कहें और खुद उसके उलटे काम करें.. इसे आप क्या कहेंगे… जी हाँ, ऐसी ही कुछ जानकारी उदयपुर न्यूज़ को भी मिली है.
udaipur से प्रकाशित एक दैनिक समाचार-पत्र के संपादक महोदय लोकतंत्र के चौथे पहिये को सँभालते और जनता की सेवा करते-करते इतने थक गए कि अब वे भूमि दलाली के धंधे में उतर गए. शायद उन्हें भी इस धंधे में कुछ ज्यादा ही फायदा दिख गया. हालांकि यूँ कहने में प्रतिदिन अपने अखबार में लोगों की टांग खींचते हैं लेकिन अब खुद ही ऐसा काम कर रहे हैं तो उन्हें कौन रोक सकता है.
आश्चर्य की बात यह कि प्लाट बेचने में इनका कहीं नाम नहीं है. इन्होने पावर ऑफ अटॉर्नी लिख कर किसी ओर को दे दी और अब पावर ऑफ अटॉर्नी धारक आगे प्लाट बेच रहे हैं. एक बात खास यह भी पता चली है कि प्लाट की रजिस्ट्री मात्र ५० रुपये वर्ग फीट से कराई जा रही है जबकि इस जमाने में दिन-ब-दिन जमीनों की बढती दरों वाले विश्व के सर्वाधिक सुन्दर शहर उदयपुर जैसे शहर और आसपास तो दूर, २० किलोमीटर क्षेत्र में भी इस दर में प्लाट उपलब्ध नहीं है.
इस सम्बन्ध में उदयपुर न्यूज़ की पड़ताल जारी है. शीघ्र ही इसका और खुलासा किया जायेगा.
udaipur news
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i think this is not fair. when you have confirmed news then you should published
sir, we ha’ve confirmed news. अगर हम कन्फर्म नहीं होते तो खबर की फ्लेश भी नहीं चलते. कागज़ात हमारे हाथ में है. विशेषज्ञ उसका अवलोकन कर रहे हैं. बस शीघ्र ही उसकी अगली कड़ी आपको पढ़ने को मिलेगी.
GGG ( Good Great gajab ) News hai ye toh…..
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