बाल दिवस पर मिली अनुपम सौगात
देश में सवा तीन करोड़ कमजोर दृष्टि के बच्चे
आधे का ही इलाज संभव
udaipur. सवा सौ करोड की आबादी वाले देश मे 1.5 करोड व्यक्ति अंधे है और करीब सवा पांच करोड को कमजोर दृष्टि के है। इनमे से लगभग सवा तीन करोड़ बालक सोलह वर्ष से कम आयु के बालक हैं. आश्चर्य की बात यह कि इनमें भी सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चों का इलाज संभव है वो भी तब, जब समुचित सुविधाओं के साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हो। यही बात ध्यान में रखते हुए अलख नयन मंदिर ने आदिवासी अंचल झाड़ोल के वाघपुरा मादड़ी क्षेत्र के कमजोर दृष्टि वाले दो नन्हें आदिवासी बच्चों का नि:शुल्क इलाज कर उन्हें न केवल बाल दिवस की अनुपम सौगात दी बल्कि भविष्य में भी उनका इलाज नि:शुल्क करने का संकल्प जताया.
अलख नयन मंदिर की कार्यकारी ट्रस्टी डॉ. लक्ष्मी झाला ने बताया कि हमारे आसपास ऐसे कई बालक है जो अंधता के कारण अपनी दृष्टि एवं मुस्कान दोनों खो चुके है। अलख नयन मंदिर संस्था नेत्र चिकित्सा कार्यक्रमों से बालकों को दृष्टि पुन: लाने का प्रयास करती आ रही है। ऐसे ही दो बालक 5 वर्षीय लाला मीणा तथा 15 वर्षीय संगीता मीणा का संस्था द्वारा किये गये ऑपरेशन के कारण उन्होंने इस बाल दिवस पर पहली बार और हमेशा के लिये दृष्टि की सौगात पायी. संस्था के वहां गत दिनों आयोजित शिविर में जाँच में ये दोनों बच्चे सामने आये थे. बाल दिवस पर अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान में सभी बालकों के लिए नि:शुल्क नेत्र जाँच की सुविधा दी गई है.
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