युवा महोत्संव का समापन शुक्रवार को
udaipur. परम्परा को रंगों से कैसे सुन्दर और सशक्त अभिव्यक्ति दी जा सकती है और कैसे आज की पीढ़ी को हमारी स्वस्थ एवं सुदीर्घ परम्परा से जोड़ा जा सकता है, यह सब कुछ युवा महोत्सव के चौथे दिन आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में दिखाई दिया।
मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्विविद्यालय, भारतीय विश्वुविद्यालय संगठन, नई दिल्ली तथा खेलकूद एवं युवा मामलात मंत्रालय के तत्वावधान में चल रहे 27 वें पश्चिमी क्षेत्र अन्तर्विश्वविद्यालयी युवा महोत्सव का चौथा दिन रंगों एवं रंगारंग प्रस्तुतियों का रहा।
‘गम दे के मुझको आपने शायर बना दिया, मेरी गजल ने आपको मशहूर कर दिया।’ कला महाविद्यालय के सभागार में आयोजित गजल प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने सुरीली आवाज का ऐसा समा बाँधा कि सब मंत्रमुग्ध हो गए। एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने वातावरण को मदमस्त कर दिया। कहीं प्रेम के दीवाने थे तो कहीं गम के फसाने। ऐसे ही रंग-तरंग में डूबे एक गायक को ऐसा लगा कि ’ऐसा लगता है जिन्दगी तुम हो, अब कोई आरजू भी नहीं बाकी, जुस्तजू मेरी आखरी तुम हो।‘ इस सुगम संगीत प्रतियोगिता में 29 प्रतियोगियों ने आवाज के दम पर खूब तालियाँ बटोरी।
दृश्य कला विभाग में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में 31 प्रतियोगियों ने परम्परागत विषयों अपनी कला को रंगों के माध्यम से रंगोली में उकेरा। कहीं मांडणे सबका मन मोह रहे थे तो कहीं आदि शक्तियों का सुन्दर चित्रण मन को मोह रहा था।
विश्व विद्यालय के सभागार में भारतीय एकल शास्त्रीय नृत्य में पैरों की थिरकन एवं शरीर के अंगों के हाव-भावों कहीं प्रियतम को मनाया जा रहा था तो कहीं कृष्णम की अभिसारिका नायिका अपने भावों को व्यक्त कर रही थी। डॉ. पी. के. सिंह ने बताया कि विश्वाविद्यालयों की ३० टीमों ने मोहक प्रस्तुतियाँ दीं। कथक, भरतनाट्यम सहित कई शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए गए।
भंवरी मामले में व्यवस्थापिका और कार्यपालिका असफल
विश्वहविद्यालय के प्रबन्ध अध्ययन संकाय भवन में ’न्यायपालिका का अतिवाद भारतीय जनतंत्र में संसदीय प्रणाली के लिए खतरा है‘ विषयक वाद—विवाद प्रतियोगिता में पक्ष—एवं विपक्ष में प्रतियोगियों ने विचार जोर—शोर से व्यक्त किए। साथ ही तर्कों से सदन को रिझाने की पुरजोर कोशिश की। कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का अपना—अपना कार्यक्षेत्र है जिसमें एक दूसरे का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। न्यायाधीश भी भ्रष्ट हो सकते हैं। विषय के विपक्ष में प्रतिभागियों ने कहा कि कई बार सांसद भ्रष्ट हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भंवरी केस में व्यवस्थापिका और कार्यपालिका असफल रहे।
’अब हरगिज भी न शिकायत पत्थरों से करेंगे अपने आइने की हिफाजत खुद करेंगे‘ यही संदेश लेकर दोपहर बाद स्किट (लघु नाटिका) प्रतियोगिता विश्वाविद्यालय सभागार में हुई जिसमें टीमों ने भाषण, समस्या, क्षेत्रवाद, जल समस्या, साम्प्रदायवाद, भ्रष्टावचार, पर्यावरण आदि समस्याओं को लघु व्यंग्य नाटिकाओं के माध्यम से अभिव्यक्ति प्रदान की। इसमें कलमाड़ी, टू—जी स्पेक्ट्रम, पद्मनाभ मंदिर छाए रहे। लघु नाटिका मनोरंजन के साथ संदेशपरक है जिसमें समाज की विविध समस्याएँ एवं गंभीर प्रश्ना समाज के सामने नाटिकाओं के माध्यम से रखे जाते है।
विश्वविद्यालय परिसर में केम्पस विषय पर आधारित ’फोटोग्राफी प्रतियोगिता‘में विभिन्न विश्वमविद्यालयों की 15 टीमों ने अपने—अपने एंगल से केम्पस को केमरे में कैद किया।
पुरस्कार वितरण एवं समापन आज
युवा महोत्सव के आयोजन सचिव प्रो. एम. एस. राठौड़ ने बताया कि युवा महोत्सव का पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह 9 दिसम्बर सुबह 10.30 बजे विश्वतविद्यालय सभागार में होगा। उन्होंने बताया कि 5 दिवसीय युवामहोत्सव में आयोजित 24 प्रतियोगिताओं में सफल टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा।
छात्र कल्यामण अधिष्ठायता प्रो. कैलाश सोडाणी ने बताया कि युवा महोत्सव के समापन समारोह में राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय उद्बोधन देंगे। मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री दयाराम परमार होंगे। विशिष्टब अतिथि संसदीय सचिव, राजस्थान सरकार गजेन्द्र सिंह शक्तावत, नगर परिषद सभापति रजनी डाँगी, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वंविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. एस. चाहल तथा लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ होंगे। अध्यक्षता सुखाडिय़ा विश्वौविद्यालय के कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी करेंगे।
udaipur hindi news
udaipurnews