क्रिएशिया-2011 में बच्चों ने बनाए मॉडल
एमडीएस में प्रदर्शनी
udaipur. स्वप्न देखना एक जागृत चेतन प्रवृत्ति है जिसमें मानव नये-नये आविष्कार से उसे साकार रूप प्रदान करता है। सूचना एवं प्रौद्योगिकीकरण की नई तकनीक से हम अपने दैनिक जीवन को अत्यन्त सुविधाजनक बना सकते हैं जिससे विकास की नई सीढि़यां तय की जा सकती है। कुछ ऐसे ही स्वप्नों को साकार करने का प्रयास शनिवार को किया एमडीएस सीनियर सैकण्डरी स्कूल से. 3 में विद्यार्थियों ने।
शिक्षकों के नेतृत्व में हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान, गणित, कम्प्यूटर एवं विज्ञान विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी में विषय से सम्बन्धित अनेक नवीन जानकारियों से परिपूर्ण मॉडल एवं चार्ट प्रस्तुत किये गये। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश कांग्रेस सचिव वीरेन्द्र वैष्णव ने किया।
विद्यार्थियों के बनाए विभिन्न मॉडल्स अनेक प्रकार के सिद्धान्तों पर आधारित थे। विद्यार्थियों के बनाए गए मॉडल्स की अतिथियों व अभिभावकों ने काफी प्रशंसा की जिनमें बहुउद्धेशीय आधुनिक कृषि उत्पादन यंत्र, सडक़ लाईट हेतु बिजली बचाते हुए बिजली की व्यवस्था करना, हाइड्रो पावर प्लांट, पवन चक्की, वर्षा जल संरक्षण, मिट्टी की नमी और गुणवत्ता देखते हुए बिजली से अनाज उत्पादन की उपयुक्त किस्म का पता लगाना, दैनिक जीवन में सौर ऊर्जा के विविध उपयोगों की जानकारियों का पता लगाना आदि प्रमुख थे।
पानी से बनने वाली बिजली अधिक लाभकारी और प्रदूषण मुक्त होती है जिसके बनने के बाद उसे पुन: कृषि एवं दैनिक जन-जीवन में प्रयेाग में लिया जा सकता है। बिजली उत्पादन में रेगिस्तान में चलने वाली हवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है।
हिन्दी में आदिकाल से आधुनिक काल तक की विधाओं को तो सामाजिक विज्ञान में मानव सभ्यता के प्रथम चरण से लेकर वर्तमान तक के सभी पहलुओं को विभिन्न मॉडल्स तथा चार्ट द्वारा प्रदर्शित किया गया।
विद्यार्थियों ने मॉडल्स के जरिये आग लग जाना, पानी का अत्यधिक रिसाव और अचानक बिजली चले जाने पर कैसे बचाव व सुरक्षा कर सकते हैं आदि जानकारियाँ दी। सरल और सुलभ तरीके से अपने प्रदर्शन को प्रभावशाली बनाने के लिए स्लाइड प्राजेक्टर निर्माण विधि भी बताई गई।
बारहवीं के विद्यार्थियों ने एमडीएस बैंक का सजीव मॉडल बनाया जिसमें बैंक में उपयोग आने वाले सभी तरह के विभाग को प्रदर्शित किया गया। जिसे भारत विकास परिषद द्वारा पुरस्कृत किया गया।
भारत विकास परिषद ने सोनल चौहान (वाणिज्य), सौरभ चौधरी (अंग्रेजी), रश्मि जायसवाल (हिन्दी) दीपेन्द्र शर्मा (सामाजिक विज्ञान), शुभम जैन (गणित) तथा मेघा माहेश्वरी (विज्ञान) पुरस्कृत किए गए। उपप्रधानाध्यापिका जया वर्मा के नेतृत्व में भव्य प्रदर्शनी सफल आयोजन हुआ। प्रदर्शनी का निरीक्षण करने वालों में वीरेन्द्र सच्चान, रमेश सोमानी, पुष्पा सोमानी आदि थे। स्कूल निदेशक शैलेन्द्र सोमानी एवं विद्यालय प्राचार्या निधि माहेश्वरी ने अध्यापिकाओं तथा विद्यार्थियों को सफल आयोजन पर बधाई दी।
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