udaipur. महिला सृजनधर्मी संस्था अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी श्रमजीवी महाविद्यालय के सभागार में हुई। वीना गौड़ ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी का शुभारम्भ किया। बसंत और प्रेम दिवस के रंगों से सजी गोष्ठी में डॉ. सुमन पामेचा ने उम्र जैसे बढ़ती जाए और कांटों में रह कर भी महकना सीखो कविताएं सुनाकर सभी को लाभान्वित किया।
नीलम शर्मा ने मैं नफरत करती हूं तुमसे सुनाकर प्रेम के अलग ही रंग का चित्रण किया। जौहरा खान ने वो चली गई हवा के झोंके की तरह नज्म सुना कर गोष्ठी को नई उचाईयॉ दी। उनकी सुनाई गजल मेरे घर का हर इक कोना रोया सारी रात ने समां ही बांध दिया। वीना गौड़ ने माई स्वीट मॉम और मैने प्रेम किया है सुना कर युवाओं के भावों का उद्गार किया। संस्था की संरक्षिका डॉ. वी. वी. सिंह की कविता चाहत बस इतनी सी ने नन्ही—नन्ही अभिलाषाओं को प्रकट किया। अध्यक्षता उषा किरण दशोरा ने की। गोष्ठी में दीक्षा भार्गव, शकुन्तला सरूपरिया, रेणु सिरोया, चंद्रकला भण्डारी, अर्पणा बनर्जी, शांता नागर आदि ने भी कविता पाठ किया।