पारंपरिक चित्रकारी, रागों एवं वाद्ययंत्रों का अनूठा मिलन
udaipur. होली पर्व के मद्देनजर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के तत्वावधान में 3 से 6 मार्च तक city palace संग्रहालय के सभा शिरोमणि का दरीखाना में पारंपरिक चित्रकला के समन्वयन एवं उत्कर्ष हेतु प्रदर्शनी के साथ कार्यशाला होगी। पारंपरिक संगीत कला के प्रोत्साहन के क्षेत्र में फाउण्डेशन के कार्यों के तहत इन्हीं दिनों भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा होली पर गाए बजाए जाने वाले विशेष लोक वाद्यों से पर्यटकों को लुभाया जाएगा।
फाउण्डेशन का उद्देश्य होली में पारंपरिक चित्र शैली एवं विभिन्न रागों का ज्ञान कलाप्रेमियों को प्रदान करना है। 150 वर्षों में राजमहल में होली के त्यौहार पर यह पहली आयोजन किया जा रहा है।
फाउण्डेशन के उपसचिव प्रशासन भूपेन्द्रसिंह आउवा ने बताया कि पारंपरिक चित्र कलाकार रेवा शंकर शर्मा पारंपरिक लघु चित्रशैली, राजाराम शर्मा पारंपरिक नाथद्वारा पिछवई एवं ललित शर्मा समसामयिक चित्रशैली के अनूठे प्रयास प्रदर्शित करेंगे। उद्घाटन शनिवार सुबह 11.30 बजे फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की उपस्थिति में होगा। प्रदर्शनी में पर्यटक पसंदीदा वस्तुओं को खरीद भी सकेंगे। प्रदर्शनी सुबह 10 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी। प्रदर्शनी में पारंपरिक कलाकार किस तरह पारंपरिक वस्त्र एवं रंगों के साथ कूंचियों का भी इस्तेमाल करना कलारसिकों को सिखाएंगे एवं उनकी जिज्ञासाओं पर चर्चा भी करेंगे।
आउवा ने बताया कि रंगों के त्यौहार में संगीत रस का भी बेखूबी ज्ञान कराने के उद्देश्य से फाउण्डेशन द्वारा रविवार सुबह 6 बजे सिटी पैलेस प्रांगण के खुशमहल झरोखे में प्रात:कालीन रागों पर संगीत का आयोजन करेगा जिसमें उदयपुर के कलाकार कृष्ण कुमार देहलवी पारंपरिक हिन्दुस्तानी राग-रागनियां एवं उदयपुर के पत्ती खां सारंगी पर संगत देंगे। 6 मार्च शाम को जयपुर अटरोली घराने की प्रसिद्ध कलाकार अश्विनी भिडे माणक चौक में आयोजित समारोह में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत करेंगी। पारंपरिक वाद्ययंत्रों के प्रोत्साहन के तहत सिटी पैलेस परिसर में जोगिया सारंगी का आयोजन किया जाएगा। लोक कलाकार सारंगी एवं अल्गोजा पर प्रस्तुति देंगे। ये कलाकार 6 एवं 7 मार्च को सिटी पैलेस परिसर के विभिन्न जगहों पर पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे।