रंगकर्मी रिजवान जहीर उस्मान की सहायतार्थ
कोर्ट मार्शल का मंचन 27 को
udaipur. गत 45 वर्षों से लेखन कर रहे रंगकर्मी रिजवान जहीर उस्मान की आंखें उम्मीद लिए सहयोगी की तलाश में हैं। उन्हें उदयपुरवासियों के सहयोग की जरूरत है। उनका प्रति सप्ताह डायलिसिस किया जा रहा है। आर्थिक रूप से बिल्कुल टूट चुके उस्मान के मन में अपना मिशन पूरा करने तक की जिंदगी जीने की ख्वाहिश रह गई है। इसी को लेकर उनके सिखाए शिष्यों की बनाई संस्था कर्माश्रम, नादब्रह्म, द मैनेजर्स एवं आश्रय की ओर से उनके आर्थिक सहयोग के लिए 27 मार्च को उदयपुर के सुखाडि़या रंगमंच पर कोर्ट मार्शल का मंचन किया जाएगा। इससे होने वाली आय पूर्णतया उस्मान के इलाज पर खर्च की जाएगी।
नादब्रह्म के थियेटर डायरेक्टपर शिवराज सोनवाल एवं सांस्कृतिक सचिव महेश आमेटा बताते हैं कि उस्मान सर के लिए अपने स्तर पर हमसे हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। अब तक कई दानदाताओं से भी मिले लेकिन किसी का पॉजीटिव रेस्पांस नहीं मिला। उस्मान सर की अब तक सौ से अधिक कहानियों का लेखन कर प्रकाशित हो चुकी हैं। उर्दू में भी कहानी, कविता लेखन एवं प्रकाशन हुआ है। अब तक करीब सत्तर पूर्णांकी नाट्य लेखन करने पर करीब 50 से अधिक नाटकों का विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन हो चुका है। इसके अतिरिक्त तीन नाट्य संकलन भी प्रकाशित हुए हैं। विशेष बात यह कि करीब डेढ़ सौ से अधिक नाटकों का मंचन एवं प्रदर्शन कर चुके हैं तथा 50 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया है।
उन्होंने बताया कि उनके इस लम्बे जीवन काल में पुरस्कारों की कोई कमी नहीं रही। उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा नाट्य लेखन एवं निर्देशन के लिए लाइफ टाईम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। साहित्य अकादमी द्वारा नाटक ’कल्पना पिशाच’ के लिये ’देवीलाल सामर नाट्य लेखन पुरस्कार’ दिया जा चुका है। इसी प्रकार जयपुर के जवाहर कला केन्द्र द्वारा आयोजित पूर्वांकी नाट्य लेखन में सर्वश्रेष्ठ नाटक ‘‘वही हुआ जिसका डर था तितली कों।‘ पुरस्कृपत किया गया।
नाटक ’’नमस्कार आज शुक्रवार है।’ को रामनगर नैनीताल में श्रेष्ठ नाटक से सम्मानित किया गया वहीं’लोमडियां’ को भी अखिल भारतीय नाट्य प्रतियोगिता जोधपुर तथा नैनीताल की ओर से श्रेष्ठ नाटक का पुरस्कार मिला।
साक्षरता के लिये राज्य के 18 जिलों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन चेतना कार्य किया। कला जत्थों के लिए राज्य भर में करीब 3 हजार सो अधिक कलाकारों को प्रशिक्षण दिया। राज्य संदर्भ केन्द्र के लिये नाट्य लेखन किया। इसके अलावा भारत ज्ञान विज्ञान के लिये नाटक—कविताएं व कहानियों को प्रकाशन मिल चुका है। इसके अतिरिक्त एक उपन्यास (भारत रिपेरिंग वर्कशॉप) प्रकाशित हो चुका है। उनके अप्रकाशित काव्यों की शृंखला भी है जिसमें दो काव्य संकलन तथा 20 नाटक अप्रकाशित पडे़ हैं।