चार दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव 9 मार्च से
udaipur. कैलाशपुरी स्थित प्रभु एकलिंगनाथ जी के विश्वप्रसिद्ध मंदिर के समीप बाघेला तालाब के तट पर नागदाह पर्वत श्रेणी पर सैकड़ों वर्ष पूर्व खंडित दो मंदिरों का श्रीएकलिंगजी ट्रस्ट ने पुनर्निर्माण कराया है। इनमें से एक मंदिर खींमज माताजी का है जिसकी मूर्ति वर्षों पूर्व तस्करों द्वारा चुरा ली गई थी जिसे ट्रस्ट ने सरकार से प्राप्त कर पुन: सुसज्जित कर दी है। इस मूर्ति की स्थापना चार दिवसीय वैदिक विधिविधान अनुसार 12 मार्च को जीर्णोद्धारित मंदिर में की जाएगी। नागदाह पर्वत पर खींमज माता मंदिर के पास ही जीर्णोद्धार किए गए नीमच माताजी के मंदिर पर भी कलश स्थापना की जाएगी।
प्रभु एकलिंगनाथ की रक्षार्थ प्रकट हुई थी देवियां: ट्रस्ट के अनुसार बाघेला तालाब स्थित नागदाह पर्वत पर करीबन एक हजार फीट खड़ी चढ़ाई पर वर्षों पूर्व खंडित उक्त दोनों मंदिरों के पीछे श्री एकलिंग महात्म के मुताबिक जब मेवाड़ पर यवनों ने आक्रमण किया तब भगवान एकलिंगजी की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ गई थी तब श्रीएकलिंगजी के गोस्वामी महाराज ने मातेश्वरी विंध्यवासनी जी की उपासना कर राष्ट्रसेन माता को प्रकट किया। राष्ट्रसेन माता ने एकलिंगजी के चारों तरफ तीन पर्वतों पर अपनी तीन शक्तियां अर्बुदा जी, खींमच माता एवं नीमच माता की स्थापना की। बाद में काल के प्रभाव से उक्त मंदिर खण्डहर में तब्दील हो गए और श्री खींमज माता जी की मूर्ति तस्करों द्वारा चुरा ली गई।
दूरगामी सोच : ट्रस्ट ने चार वर्ष पूर्व कार्य शुरू किया था। इसके लिए भारत की प्रसिद्ध मंदिर स्थापत्य कला पर कार्य करने वाली अग्रणी कंपनी महेन्द्र कुमार नागराज, सोमपुरा से संपर्क किया गया। करीब एक हजार फीट उंचे नागदाह पर्वत पर प्रशिक्षित गधों से निर्माण सामग्री पहुंचाई गई तथा मंदिरों का पूर्ण पुरातात्विक एवं उस काल के स्थापत्य कला को ध्यान में रखकर दोनों ही मंदिरों का कई लाख रूपए व्यय कर जीर्णोद्धार किया गया। वर्तमान में दोनों ही मंदिर संपूर्ण करवा लिए गए हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नीमच माता मंदिर के पीछे धर्मशाला का भी निर्माण करवाया गया है।
चार दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव एवं नवचंडी महायज्ञ : दोनों मंदिर के जीर्णोद्धार पश्चात सिटी पैलेस में रखी गई खींमज माता जी की मूर्ति को 9 मार्च को संपूर्ण साज-सज्जा कर सुसज्जित वाहनों के साथ पैलेस लवाजमे एवं पैलेस बैण्ड की धुन पर समारोहपूर्वक मंदिर तक ले जाया जाएगा। दोनों ही मंदिरों में चार दिवसीय नवचण्डी महायज्ञ के साथ 12 मार्च को भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव होगा।
टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा खींमज माता मंदिर : ट्रस्ट के मुताबिक नीमच एवं खींमज माता के मंदिरों के जीर्णोद्धार बाद उक्त स्थान धार्मिक स्थल के साथ ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन जाएगा। एक हजार फीट उंचाई पर स्थित दोनों ही मंदिरों से बाघेला तालाब का मनोहारी दृश्य और साथ ही रामा गांव की रोड़, आसपास के खेत, हरी-भरी पहाडिय़ां एवं काफी संख्या में कलरव करते पक्षियों का विहंगम दृश्य सैलानियों को बारंबार आकर्षित करेगा।