श्री श्री रविशंकर ने किया भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण
कैदियों से मिलने सेन्ट्रल जेल भी गए
udaipur. आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर ने विप्रजनों से आव्हान किया कि वे वेद व विज्ञान को साथ लेकर आगे बढे, जिससे समाज में परिणाम जनक परिवर्तन हो सकें। वे शनिवार को श्रीमद् वल्लभाचार्य पार्क में भगवान श्री परशुराम सर्व ब्राह्मण समाज समिति द्वारा स्थापित भगवान श्री परशुराम की अष्टधातु की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कार पद्धति को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। इससे पूर्व सुबह वे सेन्ट्रल जेल में कैदियों से मिलने भी गए। वहां उन्होंने कैदियों से बातचीत भी की। उल्लेखनीय है कि यहां वर्ष 2007 से सुदर्शन क्रिया का प्रयोग कर रहे हैं।
ब्राह्मण को समाज का सिर बताते हुए उन्होंने कहा कि सिर ठीक होगा तो शरीर ठीक होगा, यदि सिर बिगड़ा तो पूरा शरीर रूग्ण हो जायेगा। विप्र भूल करता है तो, उसको नुकसान पूरे समाज को होता है।
ब्राह्मणों में अनेकानेक विभेदों को समाप्त करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि सिंह आलस्य त्याग दे, सर्प भय त्याग दे और ब्राह्मण विभेदों को त्याग दे तो उसकी उन्नति अवश्यंभावी है।
भगवान परशुराम को ज्ञान व धर्म की स्थापना का पुरोधा बताते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल से केरल तक परशुराम जी का प्रभाव रहा है। राजस्थान में भी उनकी इतनी मान्यता है, यह प्रसन्नता का विषय है। परशुराम जी ने जगत में दुष्ट आसुरी शक्तियों से मुकाबला कर ज्ञान व धर्म की स्थापना की।
समिति के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी ने बताया कि भगवान परशुराम जी की 9 फीट की अष्ट धातु की 500 किलो वजन की यह प्रतिमा 7 लाख रूपये लागत से मूर्तिकार प्रशान्त रॉय (ग्वालियर) ने बनाई है। जिसका समस्त व्यय सर्व ब्राह्मण समाज ने वहन किया है।
प्रारंभ में समिति के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी, महासचिव के.के. शर्मा, भंवर लाल शर्मा, हिम्मत लाल नागदा, नटवर लाल शर्मा, विजय प्रकाश विप्लवी, गजेन्द्र चौबीसा, दुर्गेश शर्मा, प्रदीप श्रीमाली व सभी ब्राह्मण समाज के अध्यक्षों ने श्री श्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
महासचिव के.के शर्मा ने बताया कि प्रतिमा स्थल पर प्रात: पं. देवशंकर शास्त्री के आचार्यत्व में यज्ञ का आयोजन भी किया गया, जिसकी पूर्णाहूति श्री श्री रविशंकर ने की। समारोह में मूर्तिकार प्रशान्त रॉय (ग्वालियर) का भी अभिनन्दन किया गया।
समारोह में अस्थल पीठाधीश्वर महंत रासबिहारी शरण, पूर्व सांसद् भानुकुमार शास्त्री, विधायक सज्जन कटारा, पूर्व जिला प्रमुख केवलचन्द लबाना, पूर्व सभापति रविन्द्र श्रीमाली, पूर्व प्रधान रोशन लाल नागदा, मांगीलाल जोशी, पार्षद अर्चना शर्मा, दिनेश श्रीमाली, मनीष श्रीमाली, लोकेश गौड, हेमलता शर्मा, मीना शर्मा, मधु पालीवाल, भरत आमेटा, शिप्रा उपाध्याय, पूर्व पार्षद चेतन सनाढ्य, विजय प्रकाश विप्लवी, सिद्धार्थ शर्मा, गोविन्द दीक्षित भी उपस्थित थे।
श्री जी की छवि भेंट : नाथद्वारा के विनोद उपाध्याय व वीरेन्द्र पुरोहित ने श्री श्री को श्रीनाथ जी की छवि व प्रसाद भेंट किया। महिला शाखा की अध्यक्ष इन्द्रा राजपुरोहित के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने शॉल भेंटकर श्री श्री का अभिनन्दन किया।