उदयपुर। रंगपंचमी पर सोमवार को मंदिरों में ठाकुरजी को रंग खेलाया गया वहीं फाग और रसिया गान भी गाए गए। उल्लेखनीय है कि मेवाड़ में अलग अलग क्षेत्रों में रंगपंचमी, रंगसप्तमी और रंगतेरस तक धुलेण्डी के रूप में मनाई जाती है।
ठाकुरजी को गुलाल-अबीर से खेलाया गया वहीं पिछवाई पर रंग इस तरह छांटा गया कि उड़ते परिन्दों की आकृति सी उभर आई। धरियावद और पारसोला में रंगपंचमी का मेला भी लगा। उधर दशामाता की कहानियां कहना भी मंदिरों में जारी है। शुक्रवार को दशामाता पर्व पर पीपल पूजन किया जाएगा।