udaipur. घर में सुख-समृद्धि और रोगों से निजात की कामना लिए महिलाओं ने बुधवार को शीतला सप्तमी का त्योहार मनाया। चूंकि इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलता है और खाने की सामग्री एक दिन पूर्व ही बना ली जाती है इसलिए कई स्थानों पर इस त्योहार को बास्योड़ा भी कहा जाता है।
समोरबाग स्थित शीतला माताजी मंदिर में पूजा की गई और एक दिन पूर्व बनाया खाने (ठण्डा खाना) का भोग लगाया। माताजी की पूजा अर्चना कर समूह में दशामाता और ड्याढ़ा बावजी की कहानियां कही गई।
बुधवार को घरों में चूल्हा नहीं जला। महिलाओं ने चाय भी बाहर से मंगवाकर पी। घरों में खट्टा मीठा ओलिया (दही का व्यंजन) बनाया गया। एक दिन पूर्व पापड़-पापड़ी तले गए। मेवाड़ में अष्टमी पूजे जाने के कारण कई घरों में गुरुवार को भी पूजा की जाएगी। उधर शाम को मोती चोहट्टा में छोटी गणगौर का पारंपरिक मेला आयोजन हुआ। ईसर-पार्वती को घर ले जाया गया। अब गणगौर तक महिलाएं घर में गणगौर की कहानियां कहेंगी।