‘फसल कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन‘ पर प्रशिक्षण शुरू
udaipur. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी केन्द्र में किसानों हेतु तीन दिवसीय 19 से २१ मार्च तक ‘कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन‘‘ विषयक प्रशिक्षण शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण कृषि एव सहकार मंत्रालय, भारत सरकार की ‘‘कटाई उपरान्त तकनीकी व प्रबन्धन केन्द्रिय खण्ड योजना‘ के सौजन्य से आयोजित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण क्रार्यक्रम में २० किसानों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी केन्द्र के शोध अभियन्ता डॉ. एन. के. जैन के अनुसार प्रशिक्षणार्थियों को इस दौरान अदरक, हल्दी, आलू, लहसुन, ऑवला, टमाटर, हरी सब्जियों के प्रसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन के साथ गृह उद्योग उपयोगी मसाला प्रसंस्करण इत्यादी विषयो पर ‘करके सीखो‘ सिद्वान्त पर किसानों की तकनीकी अभिरुचि एवं कौशल का विकास किया जायेगा।
विभागाध्यक्ष डा. वी. डी. मुद्गल ने बताया कि इच्छुक स्वंय सहायता समुह को कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको द्वारा सभी तरह का तकनीकी मार्गदर्शन व सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। हरी सब्जिया, आंवला, अदरक, हल्दी, टमाटर आदि के प्रसंस्करण द्वारा 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एन.एस. राठौड़ ने बताया कि क्षेत्र में अरहर, अदरक, हल्दी, आंवला आदि का उत्पादन खूब हो रहा है तथा प्रशिक्षण से किसानों को प्रसंस्करण का तकनीकी ज्ञान बढाने मे सहायता मिलेगी । इन फसलो का प्रसंस्करण व मूल्यसंवर्धन कर स्वंय सहायता समूह द्वारा अतिरिक्त आमदनी व रोजगार के साधन उत्पाद क्षेत्रों मे ही जुटाये जा सकते हैं।