उदयपुर। कविता का सबसे महत्वपूर्ण काम समय और समाज का व्याख्यान करना है। जो रचनाएं यह करती है वे ही कालजयी होती है। यह विचार वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार नन्द चतुर्वेदी ने अपने 90 वें जन्म दिन पर शनिवार रात यहां आयोजित काव्य गोष्ठी पर व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने अपनी कविताओं का पाठ किया।
साहित्य कारों की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में कवियों ओर शायरों ने रचनाओं का पाठ किया। डॉ. महेन्द्र भानावत, डॉ. भगवतीलाल व्याठस, इकबाल सागर, मुश्ताोक चंचल, प्रभा वाजपेयी, मधु अग्रवाल, शकुंतला सरुपरिया, डॉ. ज्योलतिपुंज, डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय ने कविता पाठ किया। मुख्यप अतिथि नगर विकास प्रन्याकस के अध्यपक्ष रुपकुमार खुराना ने चतुर्वेदी के साथ पिछले चालीस सालों के सम्बान्धोंं का जिक्र करते हुए कहा कि साहित्यभकार शहर की पहचान होते हैं और चतुर्वेदी उदयपुर की पहचान है। अध्य क्षता वर्धमान खुला विश्वकविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश दाधीच ने की। अतिथियों का स्वाधगत करते हुए पत्रकार अनुराग चतुर्वेदी ने कहा कि नंदजी के नागपुर में हुए सम्मािन समारोह में किए गए काव्यषपाठ से प्रेरणा लेते हुए यह गोष्ठीद आयोजित की गई। धन्यहवाद वर्धमान खुला विश्वकविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक प्रो अरुण चतुर्वेदी ने दिया।