उदयपुर। आलोक संस्थान के हिरण मगरी से. 11 सी.सै. स्कूल में समूह ध्यान सभा हुई। संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने लाफिंग बुद्धा व सिकंदर के जीवन दृष्टांहत बताते हुए कहा कि दूसरों की ओर आने वाले प्रकाश यानी सफलता को रोकना नहीं चाहिये। हमारे आनंद को कोई छीन नहीं सकता क्योंकि आनंद हमारे मन और हृदय में सदैव उपस्थित रहता है।
साथ ही हमें कोई आनंदित भी नहीं कर सकता क्योंकि आनंद तो हमें अपने मन से ही मिल सकता है। हृदय की गहराइयों से ही प्राप्त होता है।
हृदय के भीतर का चोर अगर मर जाये तो दूसरों को चोर के रूप में देखने का प्रयास मनुष्यू कभी नहीं करता। दूसरों में कभी बुराई व कमियों को नहीं देखता। स्वयं भले हैं तो दूसरों में भी अच्छाई ही देखने का प्रयास करना चाहिये। सभी को आनंद देने का प्रयास करना चाहिये। दूसरों की अच्छाई स्वीकार करें, साथ ही व्यक्ति के सकारात्मक पहलू को भी देखने का प्रयत्न किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सभी को आनंद की अनुभूति हो सदैव ऐसी ही बातों को कहना चाहिये ताकि हम सभी के जीवन में आनंद उत्पन्न कर सके। सकारात्मक सोच न केवल स्वयं की आत्मा को सुंदर बनाती है, वरन् दूसरों में भी सकारात्मक सोच का संचार करती है।