गोवंश को हिन्दुत्ववादी के रूप देखा जाता है: राधाकृष्ण महाराज
उदयपुर। कभी-कभी लगता है कि हम भारत में रह ही नहीं रहे हैं। गायें तो जैसे यहां पर शरणार्थियों का जीवन जी रही हैं। हम तो कह-कह कर थक चुके हैं कि गोवंश की रक्षा कीजिये, इनका संरक्षण कीजिये लेकिन अभी तक गोवंश बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। ये पीड़ा गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने शनिवार को श्रीनिकेतन में आयोजित पत्रकार वार्ता में व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि गाय से आरोग्य बढ़ता है, स्वास्थ्य लाभ होता है। इसका गोबर अच्छा खाद देता है, घी देता है यही नहीं इसका मूत्र मनुष्य को ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन कोई भी सरकार हो वह इसके बारे में कोई ठोस उपाय नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में वाजपेयी सरकार थी तब भी हमने गौवंश को बचाने और उसके संरक्षण के लिए काफी प्रयास किये लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम भी इंतजार कर रहे हैं कभी न कभी तो हमारे विचारों से मेल खाती सरकार आएगी ओर गोवंश बचाने के लिए कोई ठोस समाधान निकालेगी।
महाराज ने कहा कि हमारी सरकारों को तो मुर्गियों की चिन्ता है, बकरों की चिन्ता है लेकिन गोमाता की चिंता नहीं है। अगर हम गायों की बातें ज्यादा करते हैं तो हिन्दुत्ववादी कहा जाता है। हमारे देश में गाय को हिन्दुत्ववादी के रूप में देखा जाता है। हमारी जनता भी तो महान हैं। वोट देते समय वो अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करती है। अगर ऐसा होता तो कोई न कोई तो गोमाता की रक्षा करने आगे आता। राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में उन्होंने कहा कि हर साल हमारा प्रतिनिधि मण्डल उनके पास जाता है और गोवंश बचाने के लिए कोई ठोस नियम बनाने का आग्रह करता है लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से रामदेव बाबा आन्दोलन करते हैं, धरना देते हैं, अनशन करते हैं वैसा हम नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास फिलहाल वैसी टीम नहीं है। हमें हमारी वेशभूषा का ख्याल रखना पड़ता है।