उदयपुर। मेवाड़ भाजपा का विवाद ऊपर से भले ही जबरन थाम दिया गया हो लेकिन यहां अंदर ही अंदर अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि विवाद राजस्थाहन भाजपा का था जिसे मेवाड़ में लाया गया। हालांकि उदयपुर और राजसमंद में उदयपुर विधायक गुलाबचंद कटारिया समर्थक संगठन हैं और राजसमंद में विधायक किरण माहेश्वरी हैं।
कुछ दिन पूर्व राजसमंद संगठन के पदाधिकारियों, नाथद्वारा विधायक एवं कुंभलगढ़ के पूर्व विधायक ने विधायक किरण के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए आलाकमान को पत्र लिखा। इसका जवाब शनिवार को भीम मंडल की बैठक में किरण समर्थकों ने जिलाध्येक्ष नंदलाल सिंघवी, नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह चौहान, कुंभलगढ़ के पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के बयानों को नकारते हुए इसके विरुद्ध अलग से कार्रवाई की मांग की।
भीम मंडल की हुई बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि कटारिया स्वयं को मेवाड़ का नेता बता रहे हैं। जन-जन की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के कार्यकाल में होने वाली मंत्रिमण्डल की बैठकों से गायब रहे है। कटारिया अपने आप को पार्टी संगठन से उपर बता रहे है। जबकि उनका कोई जनाधार नहीं रहा है। उसका जीता जागता उदाहरण गत चुनाव 2008 में उदयपुर संभाग की 28 सीटों में से मात्र 4 सीटे ही आई, जिसमें 3 सीटे जिला राजसमंद से थी, और कटारिया जी के क्षेत्र से उनके अलावा कोई जीत नहीं हुई। फिर भी मेवाड़ में जन जागरण यात्रा निकालने से पूर्व संगठन से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं समझी।
बैठक में उल्ले ख किया गया कि जिला प्रमुख चुनाव में जिला परिषद में भाजपा के पास 25 में से 16 सदस्यि थे फिर भी कांग्रेस का जिला प्रमुख बन गया। कैसे….? बैठक में कार्यकर्ताओं ने सिंघवी पर भ्रष्टारचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्री्य अध्य क्ष एवं पूर्व मुख्यबमंत्री से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।