उदयपुर। पूर्व सांसद भानु कुमार शास्त्री ने कहा कि जो समाज अपनी भाषा व संस्कृति को छोड़ देता है, उसे पराधीन होना पडता है। वे निम्बार्क महाविद्यालय में भगवान परशुराम सर्व ब्रह्म समाज समिति व भारत संस्कृत परिषद के संयुक्त तत्वाधान में ब्रह्म कर्म संस्कार शिविर के उद्घाटन समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। शास्त्री ने कहा कि पक्षियों में तोता अपनी भाषा छोडक़र कई बार मनुष्य की भाषा बोलने लगता है, इसी कारण पक्षियों में तोते को सर्वाधिक पिंझरे में कैद रहना पडता है।
शास्त्री ने कहा कि दृष्टि बदलने से सृष्टि बदल जाती है। उन्होंने कहा कि संस्कारों के बिना ब्राह्यण द्विज नहीं हो सकता। संस्कारों से ही पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव कम किया जा सकता है। प्रारम्भ में समिति के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी ने स्वागत भाषण किया। परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ. शक्ति कुमार शर्मा ने शिविर की जानकारी दी।
प्राम्भ में शिविरार्थी सौरभ शर्मा व मीमांसा शर्मा ने वेद मंत्रों का पाठ किया। शिविर में मुख्य अतिथि निम्बार्क सम्प्रदाय के महन्त बनवारी शरण महाराज ने संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डाला। समारोह में समिति महासचिव के.के. शर्मा, परिषद् के संगठन मंत्री रामकृष्ण शास्त्री, निम्बार्क गंगा सोसायटी के सचिव वैद्य शिवकरण शर्मा, निम्बार्क महाविद्यालय के प्राचार्य सुरेन्द्र द्विवेदी, पूर्व पार्षद लोकेश द्विवेदी ने विचार व्यक्त किये। मदनलाल शर्मा ने सामूहिक विवाह व यज्ञोपवित कार्यक्रम की जानकारी दी। अध्यक्षता अस्थल पीठाधीश्वर महन्त रामबिहारी शरण ने की।
भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारी भारत प्रकाश उपाध्याय को ४० करोड़ के व्यवसाय के लिये सम्मानित किया गया। गत वर्ष के शिविरार्थी सौरभ शर्मा व मीमांसा शर्मा को महन्त बनवारी शरण महाराज की ओर से वेद मंत्रों का सस्वर पाठ करने पर २५१—२५१ रूपये नकद पुरस्कार पूर्व सांसद शास्त्री ने प्रदान किया। इस अवसर पर पं. भंवरलाल व्यास पं. पदम कुमार शर्मा, हिम्मतलाल नागदा, गजेन्द्र चौबीसा, दुर्गेश शर्मा, कैलाश आचार्य, हरीश आर्य, पूर्व पार्षद जगत नागदा, अर्चना शर्मा, इन्द्रा पुरोहित, गीता पालीवाल ने विचार व्यक्त किये। संयोजन डॉ. भगवती शंकर व्यास ने, धन्यवाद गजेन्द्र चौबीसा ने किया। शिविर संयोजक भगवती शंकर व्यास ने बताया कि शिविर में कालांश प्रतिदिन प्रात: 7 से 10 बजे तक निम्बार्क महाविद्यालय में चलेंगें।