सिटी लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक
उदयपुर। संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित सिटीलेवल मॉनेटरिंग कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति पर गहन विचार विमर्श हुआ। इसमें सीवरेज, अवैध बोटिंग रोकने, सौंदर्यकरण के लिए जेटी प्वांइट स्थापित करने आदि पर चर्चा की गई।
बैठक में उदयपुर शहर की सीवरेज व्यवस्था एवं झीलों को प्रदूषण रहित एवं साफ सुथरा बनाने की योजना को सर्वोच्च तरजीह दी गई। शहर में सीवरेज योजना को तकनीकी रूप से पूर्ण सुदृढ बनाते हुए इसके सभी पहलुओं को गौर कर क्रियान्वित करने पर सर्वाधिक जोर दिया गया। सीवरेज प्रणाली को कारगर बनाने की दिशा में नगर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने अन्दरूनी हिस्सों में निवासित लोगों की सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए झीलों व नालियों को प्रदूषण मुक्त रखने की श्रेष्ठतम तकनीक को इस योजना के तहत पूरे मनोयोग से लागू करने की जरूरत बताई।
संभागीय आयुक्त ने जन समिति (निर्माण) के लिए अतिरिक्त कलक्टर (शहर) एवं सौंदर्यीकरण आदि कार्यो के लिए अति. कलक्टर(प्रशासन) को दायित्व सौंपा। पिछोला में 2 जेटी प्वाइंट्स व फतहसागर में एक जेटी प्वाइंट की स्थापना के लिए दोनों अतिरिक्त जिला कलक्टर्स को समन्वय स्थापित कर स्थल चयन करने के निर्देश दिये गए।
बैठक में झीलों को वर्ष पर्यन्त साफ सुथरा रखने व जलकुंभी आदि की सतत् निकासी की योजना पर भी संबंधित फर्मों में प्रतिनिधियों ने प्रोजेक्टर के मार्फत प्रजेंटेशन दिया। इस पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बेहतरीन मॉडल का चयन कर उसे प्रायोगिक रूप से परीक्षण पर खरा उतारने के बाद ही लागू करने का निर्णय किया गया।
बैठक में धोबी घाट के लिये उपयुक्त स्थान की चर्चा पर वन भूमि क्षेत्र के बिन्दु पर उप वन संरक्षक आईपीएस मथारु ने बताया कि इसके लिये लखनऊ से अनुमति ली जाकर ही भूमि उपयोग परिवर्तन किया जा सकता है।
झीलों का साफ-सुथरा बनाये रखने की दिशा में कटारिया ने झीलों में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव रखा। इस पर संभागीय आयुक्त ने बताया कि राजस संघ व विशेषज्ञों की सलाह पर इस योजना पर विचार किया जायेगा।
विशेषज्ञ भटनागर ने झीलों को प्रदूषण मुक्त रखने एवं पारिस्थितिकीय संतुलन आधारित पावर प्रजेंटेशन दिया। बैठक में फतहसागर में शुद्घ पानी की आवक के लिए मदार नहर को वर्षा पूर्व साफ करने की जरूरत बतायी गई।
बैठक में गोवर्धनसागर व उदयसागर झीलों के लिए राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजनान्तर्गत विकास कार्यों की संशोधित 736.80 लाख की डीपीआर अभियन्ता ओ.पी.हिंगड ने प्रस्तुत की।
बैठक में झीलों में अवैध बोटिंग की प्रभावी रोकथाम, झीलों के किनारे टॉयलेट सुविधा,पार्किंग, पॉलिथिन पर प्रभावी रोकथाम, फलोटिंग फाउन्टेन पुन: चालू कराने आदि बिन्दुओं पर भी चर्चा हुई। बैठक में यूआईटी के अध्यक्ष रूपकुमार खुराना, नगर परिषद सभापति रजनी डांगी, आरयूआईडीपी के निदेशक वैभव गालरिया, नगर विकास प्रन्यास के सचिव आर.पी.शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर बीआर भाटी (प्रशासन) मो. यासीन पठान (शहर), जिला रसद अधिकारी एमएल चौहान, अधीक्षण अभियंता केवीएस राणावत (जलदाय), अनिल नेपालिया (प्रन्यास), अधिशाषी अभियंता अशोक शर्मा (निर्माण), अशोक बाबेल (सिंचाई), झील संरक्षण विशेषज्ञ अनिल मेहता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।