‘जनजाति विकास’ विषयक सेमिनार
उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राईबल डवलपमेण्ट के तत्वावधान में ‘‘जनजाति विकास’’ विषयक शुरू हुए अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य वक्ता मुम्बई विश्वविद्यालय के प्रो. फिरदास श्रॉफ ने फाइनेंशियल इन्क्लूजन पर कहा कि जनजाति क्षेत्रों में अब बैकिंग अति आवश्यक सेवा के रूप में जरूरी है।
उन्होंने कहा कि आज भी 98 प्रतिशत लोग शेयर और कमोडिटी में निवेश नहीं करते है। लोगों को अगर शिक्षा से जागरूक किया जाए तो बैकिंग के माध्यम से निवेश की प्रबल सम्भावनाए बनती है। मुख्य अतिथि अशोक यादव कहा कि ट्राईबल डवलपमेण्ट के लिए राजस्थान सरकार हर वर्ष 250 करोड़ रूपये का प्रावधान रखती है जिसमें से करीब 80 से 85 करोड़ राजस्थान सरकार व शेष राशि केन्द्र सरकार से उपलब्ध कराई जाती है। संभाग में जनजाति विकास हेतु राजीव गांधी ट्राईबल यूनिवर्सिटी को अगले वर्ष स्थापना होने की सम्भावना है। यूर्निवसिटी के प्रो-प्रेसिडेन्ट प्रो. बी. पी. शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की जनजाति विकास हेतु सरकार द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है।
पेसिफिक युर्निवसिटी रजिस्ट्रार शरद कोठारी ने बताया कि भारत में जनजातियों के उत्थान के लिए पेसिफिक युर्निवसिटी के द्वारा समय-समय पर शोध कर सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा व युर्निवसिटी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में हर सम्भव सहायता की जाएगी। अध्यक्षीय भाषण में प्रेसिडेन्ट प्रो. ए.बी.डी. राय पेसिफिक युर्निवसिटी ने बताया कि जनसंख्या की दृष्टि से आदिवासी बाहुल्य इलाको में वृद्धि ज्यादा है व शिक्षा की कमी है। जबकि शिक्षा को बढाकर जनसंख्या में कमी लाई जाए इसपर सबको कार्य करना चाहिए।
पैसिफिक इन्स्टीयूट ऑफ ट्राईबल डवलपमेण्ट के निदेशक कर्नल प्रदीप भटनागर ने बताया कि भारत में जनजातिय क्षेत्रों के विकास के लिए उनकी वंशानुगत प्रतिभाओं को आज के युग के समकक्ष जाने के लिए पेसिफिक युर्निवसिटी आधुनिकतम तरिके से उनका ज्ञानवर्धन करेगा। इसके उपरान्त चार तकनीकी सत्र हुए। पहले दिन दोनो सत्रों में कुल 32 पत्रवाचन हुए।