शिया दाउदी बोहरा जमात की पत्रकार वार्ता
यूथ पर प्रशासन को गुमराह करने का लगाया आरोप
उदयपुर। आखिर वे चाहते क्या हैं? हम उन्हें कहीं आने-जाने से रोक नहीं रहे बल्कि हमें ही हर बार कम्प्रोमाइज करने को कहा जाता है। हम बार-बार अपनी सच्चाई किसे बताने जाएं? ऐसी ही कुछ पीड़ा शिया दाउदी बोहरा जमात के पदाधिकारियों ने आज पत्रकारों के समक्ष व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि बोहरा यूथ के पदाधिकारियों ने गत दिनों सैयदी लुकमानजी साहब की दरगाह के प्रबंधक के खिलाफ दरगाह परिसर के दरवाजे बंद करने तथा जियारत करने से रोके जाने का मामला दर्ज कराया था। इसके जवाब में जमात के पदाधिकारियों ने सोमवार को दरगाह परिसर स्थित मुसाफिरखाने में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि एक बड़ा दरवाजा है जो उर्स के समय या जब काफी श्रद्धालु आते हैं तो ही खोला जाता है। बाकी उसके पास स्थित दूसरा दरवाजा हमेशा खुला रहता है।
जमात के मीडिया प्रभारी इंजीनियर अली कौसर ने बताया कि वजीरपुरा स्थित दरगाह के मुख्य मार्ग का दरवाजा जियारत के लिये आने वालों के लिये खुला हुआ है। पत्रकार वार्ता में गत 15 मई से जियारत करने आने वालों की सीसीटीवी के माध्यम से रिकॉर्डिंग भी बताई गई। उन्होंमने बताया कि बोहरा यूथ गत वर्ष जुलाई 2011 से दरगाह परिसर में हो रहे जीर्णोद्धार कार्य को रोकने का प्रयास करता रहा है। जबकि हमारे द्वारा इसमें किया गया हर कार्य वक्फ बोर्ड की स्वीकृति से हुआ है।
समाजसेवी शब्बीर मुस्तफा ने बताया कि मुख्य मार्ग स्थित दरगाह के दोनों कोनों की स्थिति आज भी इनके कारण बदहाल है। हम सिर्फ पलस्तर करना चाहते हैं, लेकिन वे पलस्तर भी नहीं करने देना चाहते। कौसर ने बताया कि यूथ ने शिया दाऊदी बोहरा समुदाय की शहर की तीन अन्य मस्जिदों रसूलपुरा, खानपुरा व वजीरपुरा तथा एक जमात खाने पर राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जबरन कब्जा कर रखा है व सैयदना समर्थक शिया दाऊदी बोहरा जमात के सदस्यों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है।
उन्होंने बताया कि आज भी दरगाह में जियारत के लिये आने वालों के लिये आवागमन बेरोकटोक जारी है। दरगाह में 256 वर्षों से सैयदी लुकमानजी साहब मदफून है और इसका वर्तमान स्वरूप करीब 70 वर्ष पुराना है। सैयदना ताहिर सैफुद्दीन साहब (51 वें दायी उल मुतलक) के समय इसका निर्माण किया गया।