गिट्स के छात्रों ने बनाए अनूठे प्रोजेक्ट
विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा इंस्टीट्यूट के 56 प्रोजेक्ट प्रायोजित
उदयपुर. देश में दिन-ब-दिन बढ़ रहे आतंकवादी हमलों की घटनाओं में सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवादियों की स्थिति का पता लगाने की होती है। ऐसी घटनाओं पर सेना की मदद के लिए गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज उदयपुर के छात्रों ने ऐसा सरवाइलेंस रोबोकोम व हैंड जेस्चर का निर्माण किया जो न सिर्फ आतंकवादियों की स्थिति का पता लगाएगा, बल्कि बम को बिना मानव की मदद के निष्क्रिय भी कर सकेगा।
इंस्टीट्यूट के छात्रों के 56 प्रोजेक्ट विज्ञान एवं तकनीकी विभाग से चयनित हो चुके है। इंस्टीट्यूट के इलेक्ट्रोनिक्स शाखा के प्रभारी राजीव माथुर ने बताया कि अंतिम वर्ष के छात्र अंकित गुप्ता, अक्षय पोद्दार व अंकित मित्तल ने सरवाइलेंस रोबोकोम बनाया है। यह एक वायरलैस रोबोट है जो मोबाइल के बटन से संचालित होता है। इसमें लगा कैमरा 360 डिग्री तक घूम सकता है। साथ ही इस कैमरे से अंधेरे में भी देखा जा सकता है, जिससे दुश्म्नों के ठिकाने का पता भी लगाया जा सकता है। यह रोबोट डीटीएमएफ तकनीक यानि मोबाइल के बटनों से निकली फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है। इसमें माइक्रो कंट्रोलर का प्रयोग किया गया है। इस रोबोट की खासियत यह है कि इसे आप बिना किसी मनुष्यस की सहायता के दुश्मकन के इलाके में भेज सकते हैं, साथ ही सुरक्षित दूरी से नियंत्रित कर टीवी या कम्प्यूटर पर भी देखा जा सकता है। इस यंत्र के आगे बंदूक लगाकर दुश्म न को मारा भी जा सकता है। यह रोबोट संस्थान के प्रवक्ता लतीफ खान के निर्देशन में बनाया गया।
अंतिम वर्ष के ही छात्र गौरव पालीवाल, भवानीसिंह, अनिल डांगी व मनोज औदिच्य का बनाया हैंड जेस्चर रिकगनाइजेशन एंड रीपलीकेशन यंत्र ऐसा रोबोटिक हैंड हैं, जो मानव के हाथ की मूवमेंट के अनुसार मूव करता है। यह रोबोट बम को बिना मानव की मदद के निष्क्रिय करने के अलावा केमिकल टैंक की सफाई में भी काम आ सकता है। यह यंत्र पोटेंशियोमीटर को काम में लेकर बनाया गया है जिसे सेंसर के माध्यम से सर्वो मोटर द्वारा नियंत्रित किया गया है। यह रोबोट प्रवक्ता अनुराग पालीवाल के निर्देशन में बनाया गया है। यह यंत्र विज्ञान एवं तकनीक विभाग द्वारा प्रायोजित भी किया गया है।