पेड़ गिरे, लाइटें बंद, निर्माण सामग्री सड़क पर गिरी
उदयपुर. और आखिर बारिश से उदयपुरवासी भी भीग उठे. गुरुवार को मौसम बदलने की जानकारी उदयपुर न्यूज़ ने दी ही थी. हालांकि मौसमविद इसे मानसून या मानसून पूर्व की बारिश नहीं मान रहे हैं, लेकिन गर्मी की तपन से कुछ राहत अवश्य मिली.
शुक्रवार सुबह से बादल छाये थे. दोपहर करीब तीन बजे अचानक बादलों का जमावड़ा लग गया और बूंदाबांदी शुरू हो गई जो जल्दी ही तेज हो गयी. दुकानदारों को सामन समेटने का मौका भी नहीं मिला और सामन भीग गया. राह चलते लोगों को भी रुकना पड़ा. सड़कें गीली हो गई. मौसम सुहाना हो गया.
इससे पहले तेज हवाएं चलने के कारण नाडा-खाडा स्थित एक मकान में चल रहे निर्माण कार्य के कारण वहां ईंटे आदि सामान सड़क पर आ गिरा. बारिश के कारण उस समय कोई सड़क पर नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. उक्त वार्ड उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविज़न के अध्यक्ष पारस सिंघवी का है. समोर बाग रोड सहित शहर के कई क्षेत्रों में पेड़ गिरने की जानकारी मिली है.
झीनीरेत में मीटर बदलने आए ठेकेदार के लोगों के लाइन पर काम करते समय कई घरों में अचानक हाई वोल्टेज आने के कारण कंप्यूटर, फ्रिज आदि खराब हो गए.
उधर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना कृषि अर्थशास्त्र एवं प्रबन्धन विभाग द्वारा किये गये शोध में आगामी मक्का फसल की संभावित कीमत 1100-1200 रुपये का पूर्वानुमान लगाया गया है। किसानों को सलाह दी गई है कि उपरोक्त सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए तथा राजस्थान में मानसून मे देरी होने व प्रतिस्पर्धात्मक खरीफ फसलों (कपास व ग्वार) की कीमत को ध्यान में रखते हुए मक्का के क्षेत्रफल में बदलाव कर सकते हैं।