udaipur. बरसो रे मेघा-मेघा, बरसो रे मेघा….। इंद्रदेव ने एक दिन बारिश बरसाकर मानसून के आगाज का संदेश तो देदिया लेकिन फिर न जाने बादल किस ओर चले गए और अपने पीछे छोड़ गए आर्द्रता वाला चिपचिपाहट से भरा मौसम।
कुछ ऐसे ही हाल हैं इन दिनों लेकसिटी में। मन को सुकून देने के लिए देश के कृषि मंत्री का यह बयान कुछ देर के लिए ठंडक पहुंचाता है कि अभी भी देर नहीं हुई है। अभी बारिश का समय बाकी है लेकिन ज्योंठ-ज्योंी समय निकल रहा है, वैसे वैसे तृष्णार बढ़ रही है। हे इंद्रदेव.. कब बरसोगे। झीलें रीती जा रही हैं, गर्मी से छुटकारा नहीं मिल रहा है। अब जबकि श्रावण मास भी लग चुका, अब तो आपके आने का मौसम भी आ गया।
पहली बारिश के बाद खेतों में बावणी करने वाले किसानों को भी बेसब्री से इंतजार है बरसात का तो युवाओं को पिकनिक स्थतलों पर जाने का वहीं उदयपुर के व्याछपारियों को इसलिए इंतजार है कि इस पर पूरे वर्ष का व्य वसाय टिका है।