उदयपुर। शहर के गुरु पुष्कर मार्ग स्थित श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय में प्रवासरत श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि ने 2469 वें ओसवाल स्थापना दिवस पर कहा कि लगभग 2538 वर्ष पूर्व ओसिया नगरी (राजस्थान) में महाराजा उपलदेव एवं मंत्री उहड़देव सहित 3,84,000 लोगों को आचार्य रत्नप्रभ सूरी ने धर्ममय उपदेश देकर ओसवाल वंश की उत्पत्ति की।
मुनिश्री ने कहा कि इस समय 1444 ओसवाल गौत्र पूरे भारत में विद्यमान हैं। ओसवाल जाति का गौरव उन महान पुरुषों से भी है जिन्होंने प्रशासन, राजनीति, धर्मनीति, अर्थनीति, विज्ञान-शिक्षा-संस्कृति-कला और अध्यात्म इत्यादि क्षेत्रों में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया और अपनी अपूर्व प्रतिभा, त्याग और सेवा के बल पर ओसवाल जाति के इतिहास को दैदीप्यमान किया। उन्होंने कहा कि विश्व में अमरनाम दानवीर भामाशाह स्थानकवासी ओसवाल थे जिन्होंने अपनी सर्वस्व संचित व अर्जित लक्ष्मी संकटकाल में महाराणा प्रताप को समर्पित कर दी। उन्होंने कहा कि वही समाज प्रगति कर सकता है जिसने अपनी नींव में प्रेम, स्नेह एवं दान देने की परम्परा को स्थापित किया हो। ओसवाल स्थापना दिवस पर ओसवाल वंश के पूर्वज महापुरुषों को स्मरण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गए।