राज्यंपाल का व्यस्त दौरा
udaipur. राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा ने कहा कि बच्चों को लोक संस्कृति से जोड़ने के प्रयास होने चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्यों की लोक संस्कृति के रंग बिरंगे नृत्यों एवं संगीत की परम्परा को बढा़वा मिले, इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे साहित्य का निर्माण किया जाये ताकि बच्चे आसानी से जुड़ सकें।
राज्यपाल आज यहां आनन्द भवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की संचालन समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रमों की समीक्षा कर रही थी।
राज्यपाल ने राजस्थान की विभिन्न लघु चित्रशैली पर विभिन्न चित्रशैलियों पर आधारित किताब निकालने का सुझाव भी दिया। यह भी सुझाव दिया कि राज्यों के लोक नृत्यों पर आधारित एक फिल्म निर्माण भी किया जाए। उन्होंने आशा जताई कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से परम्परागत लोक संस्कृति को पुर्नजीवित होने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने शिल्पग्राम के नवीनीकरण योजना में सौर ऊर्जा पर आधारित लाईटें लगाने, जल संरक्षण के उपाय करने तथा बागोर की हवेली में अग्नि शमन उपकरण लगाने की एक समन्वित योजना बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि विवेकानन्द की 150 वीं जयन्ती वर्ष पर युवा गतिविधियों को बढा़वा देने वाली गतिविधियों का आयोजन व्यापक पैमाने पर किया जाए।
राज्यपाल ने निर्देश दिये कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों एवं प्रकाशित की जाने वाली मासिक पत्रिका की सूचना आवश्यक रुप से सभी सदस्यों को भेजा जाना सुनिश्चित किया जावे। उन्होंने केन्द्र द्वारा आयोजित गत वर्ष की गतिविधियों की जानकारी ली और आगामी वर्ष के कार्यक्रमों का अनुमोदन भी किया। उन्होंने बैठक में प्रशासनिक तथा आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा की और आवश्यक निर्देश प्रदान किये। बैठक में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा प्रतापगढ़ की थेवाकला एवं वॉल पेंटिगं ऑफ चारोतर (गुजरात) विषयों पर तैयार की गई लघु फिल्मों का प्रस्तुतीकरण भी देखा और इनकी सराहना की।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि केन्द्र आलौच्य वित्तीय वर्ष में अपनी योजनाओं पर करीब 7.50 करो$ड व्यय करेगा। बैठक में पारित कार्यक्रम प्रस्तावों में उदयपुर में शिल्पग्राम उत्सव, महाराष्ट्र में काला घोडा कला महोत्सव, गुजरात में वसंतोत्सव, गोवा में लोकोत्सव का आयोजन करेगा। पारंपरिक उत्सवों के अंतर्गत केन्द्र द्वारा राजस्थान में पुष्कर मेला, गुजरात में डांग दरबार, महाराष्ट्र में सिद्घेश्वर मेला, गोवा में गणेशोत्सव तथा केन्द्र शासित प्रदेश दमण में नारियल पूर्णिमा उत्सव तथा सिलवास में तारपा उत्सव में सहभागिता करेगा। शास्त्रीय कलाओं में केन्द्र द्वारा नूपुर के अंतर्गत गुजरात के मोढेरा के सूर्यमंदिर परिसर, महाराष्ट्र के लातूर तथा गोवा के श्रीम्हालशा मंदिर में शास्त्रीय नृत्य समारोह आयोजित किये जाएंगे। केन्द्र द्वारा ही दमण तथा दीव दमण उत्सव व दीव उत्सव होंगे।
उन्होंने बताया कि दृश्य कलाओं में सृजन को प्रोत्साहित करने के लिये केन्द्र द्वारा ग्राफिक्स कैम्प ‘प्रत्यांकन’, चित्रकार शिविर ‘चित्रांकन’ ‘आकृति’ का आयोजन किया जायेगा। केन्द्र द्वारा ही बाधित प्रतिभाओं की कला से अलंकृत ‘उडा़न’ का आयोजन इस वर्ष भी किया जायेगा।
अतिरिक्त केन्द्र निदेशक मो. फुरकान खांन ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत केन्द्र द्वारा ‘‘ऑक्टेव’’, गुरू शिष्य परंपरा, युवा प्रतिभा पुरस्कार योजना, नाट्य प्रोत्साहन योजना में विभिन्न उत्सवों व समारोहों का आयोजन किया जायेगा।
बैठक में राजस्थान की कला एवं संस्कृति सचिव गुरजीत कौर, महाराष्ट्र शासन के सांस्कृतिक कार्य विभाग के सविच श्री आनन्द कुलकर्णी, महाराष्ट्र के कला संस्कृति विभाग की अवर सचिव गीता कुलकर्णी, गायिका हेमा उपासनी, अभिनेत्री डॉ. निशिगंधा वाड, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के निदेशक श्री प्रणव खुल्लर, राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री वेद व्यास, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष अर्जुनदेव चारण, राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष श्री भवानी शंकर शर्मा, गुजरात संगीत नाटक अकादमी के प्रदीप बी. आजाद, बाल भवन दीव के निदेशक प्रेमजीत बारिया, बाल भवन दमण की निदेशक मधु अहलुवालिया, दमण की सदस्य मंजुश्री चांद, प्रसिद्घ नृत्यांगना संध्या पुरेचा आदि ने भाग लिया।
‘थेवा कला’ तथा ‘वॉल पेन्टिंग ऑफ चारोतर’ का राज्यपाल ने किया विमोचन
राज्यपाल एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की अध्यक्ष माग्रेट अल्वा ने गुरूवार को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा प्रलेखन योजना में प्रकाशित पुस्तकों ‘‘थेवा कला’’ तथा ‘‘वॉल पेन्टिंग्स ऑफ चारोतर’’ का विमोचन आनन्द भवन में आयोजित गवर्निंग बॉडी तथा एज्यूकेटिव बोर्ड की बैठक में किया।
राजस्थान साहित्य अकादमी का अवलोकन
उदयपुर। राज्यपाल माग्र्रेट अल्वा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ओर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। अल्वा आज यहां राजस्थान साहित्य अकादमी कार्यालय के अवलोकन के पश्चात आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने बताया कि जब वे केन्द्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री थी तब उन्होंने राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी महिला स:शक्तिकरण के लिए कार्य किया था और ’चाहते है बहनें मरे नहीं जिएं।’ उन्होंने बताया कि उन्हें खुशी है कि राज्यपाल बनने पर जब उस समय की उनके साथ काम करने वाली महिलाएं आकर मिलती है और बताती है कि वे आज भी उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अभी भी कार्य कर रही है। राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष वेदव्यास ने अकादमी की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने नवम्बर मंज उदयपुर में आयोजित किये जाने वाले महिला लेखिका सम्मेलन के लिए राज्यपाल को निमंत्रित भी किया। कार्यक्रम में कला एवं संस्कृति सचिव गुरबित कौर भी मौजूद रही। राज्यपाल ने राजस्थान साहित्य अकादमी पहुंचते ही परिसर में अशोक का पौधा रोपा। उन्होंने परिसर को हरा भरा देखकर कहा कि यहां का अकादमी भवन बहुत सुन्दर है।