विद्यापीठ में श्रेय भारती केंद्र साकरोदा के करगेट गांव में लगा शिविर
उदयपुर. जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के जन शिक्षण विस्तार निदेशालय के अंतर्गत संचालित श्रेय भारती केंद्र साकरोदा के करगेट गांव में लगे शिविर में आईं अदिवासी महिलाओं ने कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह सहित विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की।
इस अवसर पर इन महिलाओं ने संकल्प किया है कि वे सामाजिक कुरीतियों का जमकर विरोध करेंगी तथा अन्य को भी प्रोत्साहित करेगी। विद्यापीठ तथा केंद्रीय श्रमिक बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में सैंकड़ों आदिवासी महिलाओं ने हिस्सा लिया।
जनशिक्षण निदेशालय के निदेशक डॉ. ललित पांडे ने इस अवसर पर अनिवार्य शिक्षा के तहत शिक्षा का अधिकार कानून, बाल स्वास्थ्य, घरेलू स्वच्छता आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर केंद्रीय श्रमिक बोर्ड के सुधीर वाडीवा ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अब हर बच्चे को स्कूल जाने तथा ज्ञान प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। इसके लिए स्कूलों में फीस भी नहीं ली जाती है। विशेष बात यह है कि आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र का बच्चा कम से कम कक्षा 8वीं तक पास भी होगा। इससे वो अपनी आजीविका के तैयार भी हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन केंद्र प्रभारी राकेश कुमार दाधीच ने किया।
महिलाओं में दिखा उत्साह
डॉ. पांडे ने बताया कि इन आदिवासी महिलाओं में सामाजिक कुरीतियों को लेकर गजब का उत्साह नजर आया। महिलाओं ने इन कुरीतियों के खिलाफ संकल्प लेकर एक नई मिसाल पेश की है। महिलाओं के इस उत्साह को देखते हुए निर्णय लिय गया है कि इन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इसमें महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जाएगा।