कार्यक्रम सलाहकार समिति ने प्रस्ताव भेजा सरकार को
उदयपुर. जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत शिक्षा सुधार, शोध एवं ट्रेनिंग पर 6 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च होंगे। सोमवार को हुई सलाहकार समिति की बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए बने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजा गया है।
बताया गया कि इस बजट राशि में 25 फीसदी राज्य सरकार तो 75 फीसदी केंद्र सरकार से प्राप्त होगी। कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व एसआईईआरटी निदेशक केसी मालू, शिक्षाविद् प्रो. केसीएस जैन, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. कैलाश चैधरी, प्राचार्य डॉ. शशि चित्तौड़ा, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. सरोज गर्ग, शकुंतला सर्राफ, चंद्रशेखर जोशी आदि उपस्थित थे।
रिसर्च को भी प्राथमिकता दें शिक्षक
उच्च शिक्षा के शिक्षकों से आह्वान करते हुए कुलपति ने कहा कि प्रोफेसर 50 फीसदी टीचिंग पर तो 50 फीसदी रिसर्च पर ध्यान दें। ज्यादा से ज्यादा शोध वर्क को महत्व दें तथा विद्यार्थियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बताया कि 2013 में नेक टीम का दौरा भी संभावित है। इसे देखते हुए भी गंभीरता बरती जाए। उच्च शिक्षा से जुड़े प्रबंध पत्रों को अधिक से अधिक जोड़ा जाना चाहिए।
इन मदों में होगा खर्च
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने बताय कि प्रस्ताव के अंतर्गत रिसर्च वर्क पर 15 लाख, रिसोर्स सेंटर एंड डोक्युमेंटेशन के लिए 7.50 लाख, शिक्षकों के कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए 40 लाख, आमांत्रित कार्यक्रमों के लिए 15 लाख, शिक्षण प्रशिक्षण तकनीकों पर 10 लाख, नई तकनीक विकसित करने पर 15 लाख, मेटेरियल डवलपमेंट पर 7.5 लाख तथा ऑन साइट टीचर्स सपोर्ट के लिए 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त सिविल कार्य पर 20 लाख, उपकरणों पर 20 लाख रुपए आदि प्रस्ताव में जोड़ा गया है।
कैपेसिटी बिल्डिंग पर खर्च होंगे सर्वाधिक
विद्यापीठ विवि में बनाए गए प्रस्ताव में सबसे ज्यादा खर्च शैक्षणिक कर्मचारियों के कैपेसिटी बिल्डिंग पर खर्च किया जाएगा। इस मद में 40 लाख रुपए की मांग की है। इस काम के लिए समय समय आमंत्रित कार्यक्रम एवं सेमिनार संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
ये आए सुझाव
1. एसआईईआरटी क पूर्व निदेशक केसी मालू तथा शिक्षाविद् केसीएस जैन ने बताया कि इन सर्विस टीचिंग स्टाफ के लिए समर वेकेशन में 21 दिनों का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्र्रम आयोजित किया जाए।
2. विद्यापीठ के डबोक स्थित एलएमटीटी में इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर सत्र आरंभ होने से कार्य शुरू हो जाना चाहिए।
3. मोबाइल यूनिट के माध्यम से टीचर्स के ट्रेनिग की व्यवस्था की जाए।
4. सीनियर सेकंडरी टीचर्स के लिए अलग से प्री सर्विस कोर्स का संचालन हो।