एक अगस्त से सुनवाई का अधिकार अधिनियम होगा लागू
udaipur. अब अधिकारियों को शिकायतकर्ताओं की सुनवाई एवं उसका निस्ताभरण समयबद्ध करना होगा। इसके लिए एक अगस्तं से राज्य में सुनवाई का अधिकार अधिनियम लागू हो जाएगा। इसके लागू होते ही यह देश का पहला राज्यर होगा जिससे आम लोगों को अपनी शिकायतों का समयबद्ध निस्ताहरण मिल पाएगा।
अधिनियम लागू करने के संबंध में शनिवार को आरएनटी सभागार में राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के संबंध में हुई कार्यशाला में संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि अधिनियम लागू होने के बाद राजकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समयबद्घ ड्यूटी निश्चित होगी एवं समय पर शिकायतकर्ता की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आर्थिक दण्ड का प्रावधान भी किया गया है।
शिकायतों के लिए सुनवाई अधिकारी
जिला कलक्टर हेमंत गेरा ने बताया कि पंचायत में पटवारी व ग्रामसेवक, तहसील स्तर पर तहसीलदार एवं ब्लॉक विकास अधिकारी, उपखण्ड स्तर पर उपखंड अधिकारी एवं संबंधित विभागों के समस्त उपखंड स्तर के अधिकारी लोक सुनवाई अधिकारी के होंगे। अधिनियम के तहत लोक सेवा प्रदान करने की गारण्टी अधिनियम सहित विभिन्न जगहों में पूर्व में दर्ज व पंजीकृत शिकायतों/दावों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेेट, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अन्य विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी व नगर परिषद आयुक्त तथा संभाग स्तर पर अतिरिक्त आयुक्त संबंधित विभागों के अधिकारियों को लोक सुनवाई अधिकारी नियुक्त किया गया है जो प्राप्त होने वाली शिकायतों की सुनवाई कर पंजीकृत करेगा एवं निर्धारित समय में निस्तारण की अवधि अंकित रसीद देगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बी.आर. भाटी ने सभी को अधिनियम के संबंध में जानकारी दी।
Let’s see…whether this works or not….. or it will be just like RTI….. handing over the responsibilities to the other departments which is common trend in the government system…