विषम परिस्थितियों में अपनाई जाने वाली क्रियाएं
udaipur. राजस्थान राज्य में इस वर्ष औसत से 51 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। 31 जुलाई तक राज्य के पश्चिमी भाग में 66 प्रतिशत, पूर्वी भाग में 36 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई।
राज्य के दक्षिणी भाग (चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर व राजसमंद) में मध्यम से अधिक वर्षा से खरीफ फसलों को राहत मिली है। विपरीत परिस्थतियों में खड़ी फसलों में निम्न उपाय अपनायें – राज्य के दक्षिणी भाग (उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा) व दक्षिणी-पूर्वी भाग (कोटा, बांरा, बूंदी व झालावाड़) में जहां पर्याप्त वर्षा हो गई हो वहां मक्का की खड़ी फसल में 50 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टर की दर से देवें। मक्का में पौधे से पौधे की दूरी 25 सेमी रखते हुए अतिरिक्त पौधों को निकाल ले। जहॉं पर कम व अपर्याप्त वर्षा हुई है वहां मृदा में नमी संरक्षित करने हेतु फसलों में निराई-गुड़ाई करें तथा खरपतवारों को खेत में पलवार के रूप में काम में लें। जहां मक्का की फसल 20-25 दिन की हो गई हो वहां मेड़ें बनाएं।
दक्षिणी राजस्थान में जहां अपर्याप्त वर्षा हुई हो वहां मक्का व ज्वार की खड़ी फसलों में 1000 पीपीएम थायोयूरिया या 5 प्रतिशत केओलिन के घोल का छिडक़ाव करें।