उदयपुर। फूल और मूल में फूल सभी को फूल दिखाई देता है फूल सभी को हर्षित करता है क्योंकि वह अपनी सुगन्ध बिखेरता है जबकि मूल अर्थात जड़ किसी को दिखाई नहीं देती। वह भूमि के अन्दर ही रहती है लेकिन यह कटु सत्य है कि बिना मूल के फूल का पौधा खिल नहीं सकता।
मूल के अस्तित्व के बिना फूल का अस्तित्व नहीं हो सकता है। यह विचार आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नींव की ईंट के बिना बड़े से बड़ा मकान या महल स्थिर नहीं रह सकता, उसी प्रकार बिना आस्था और विश्वास के आत्मा में कोई गुण नहीं ठहर सकता।
उन्होंने कहा कि आज सभी लोग नाम व कुर्सी की चाह कर रहे हैं। लेकिन नाम व कुर्सी तो क्षणिक है। हम यदि अपना कर्तव्य करते चले तो नाम स्वयं ही हो जाएगा। हमें नाम की चाह न करके अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिये। चातुर्मास समिति के महामंत्री प्रमोद चौधरी ने बताया कि जन्मष्टमी पर आचार्य सुकुमालनन्दीजी का कृष्ण भगवान पर विशेष प्रवचन होगा। जिसमें जैन व अजैन भारी संख्या में उपस्थित रहेंगे।