कविता सेठ की प्रस्तुतियों पर झूमे लोग
नाथद्वारा। मिराज की ओर से आयोजित मुरारी बापू इन नाथद्वारा कार्यक्रम के तहत आयोजित सांस्कृतिक संध्या में दुसरे दिन सूफी गायिका कविता सेठ की छाप तिलक मत छोड़ सब दिनी मोसे नेना मिलायेके की प्रस्तुति के साथ शुरूआत हुई ।
उन्होंने बचपन की कविता तू प्यार का सागर है तेरी एक बूंद को प्यासे हम तू ही तू है सनम दिलदार ही तू है भक्ति संगीत जिनी जिनी रे चदरिया . राम नाम रस पीनी रे चदरिया जेसे गीतों की प्रस्तुतिया दी तो तीस हजार से ज्यादा दर्शकों से खचाखच भरे पंडाल में माहौल भक्तिमय हो गया मुरारी बापू के सानिध्य में राम रहीम के इस अद्भुत मिलन को कविता सेठ ने जब अपने लफ्जो से बरसाया तो पंडाल तालियों की आवाज से गूंज उठा कविता सेठ ने जब तुम्ही हो बंधू सखा तुम्ही हो गीत सुनाया तो कई युवा झूम.झूम कर नाच उठे। गूंजा सा हे कोई इक तारा मुझे मत रोको और मोरा पिया मोसे बोलत नहीं पिया रे पिया रे ए अल्ला हु अल्ला हु व दमादम मस्त कलंदर जेसे गीतों पर मर्कन्द देशपांडे मिराज सीएमडी मदन पालीवाल पुत्र मंत्रराज पालीवाल सहित अन्य विशिष्ठ अतिथियों ने जमकर नृत्य किया। दमादम मस्त कलंदर पर श्रोताओं ने लय ताल में ऐसी करतल ध्वनि की कि सारा पांडाल गुंजायमान हो उठा।