बांसुरी वादन, कथक, मयूर नृत्य व गायन होगा आकर्षण
udaipur. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आगामी 25 व 26 अगस्त को पिछोला झील के किनारे ‘‘गणगौर घाट’’ पर संगीत और नृत्य उत्सव ‘‘मल्हार’’ का आयोजन किया जायेगा जिसमें शास्त्रीय गायन, बांसुरी वादन, कथक तथा मयूर नृत्य प्रमुख आकर्षण का केन्द्र होगा।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि गणगौर घाट उदयपुर शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है तथा इसका ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व है। उदयपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक अपने प्रवास के दौरान गणगौर घाट से पिछोला झील का नजारा देखने अवश्य आते हैं। इसी घाट पर चैत्र मास में गणगौर उत्सव का आयोजन होता आया है। उन्होंने बताया कि गणगौर घाट के सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए केन्द्र ने विगत वर्ष ‘‘मेघ मल्हार’’ उत्सव का आयोजन किया।
इसी श्रृंखला में केन्द्र द्वारा 25 व 26 अगस्त को गणगौर घाट पर नृत्य एवं संगीत से अलंकृत उत्सव ‘‘मल्हार’’ का आयोजन किया जा रहा है। श्री दशोरा ने बताया कि दो दिवसीय इस उत्सव के पहले 25 अगस्त को दिन गोवा के सोनिक वेलिंगकर द्वारा बाँसुरी वादन प्रस्तुत किया जायेगा। इसके पश्चात सुप्रसिद्ध नृत्यांगना पार्वती दत्ता व उनके दल द्वारा कथक की प्रस्तुति दी जावेगी। कथक के उपरान्त भरतपुर की चरकुला आर्ट एकेडमी द्वारा मयूर नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा।
उत्सव के दूसरे दिन 26 अगस्त को युवा गायक सचिन तेली का गायन होगा इसके बाद पार्वती दत्ता व उनके दल द्वारा कथक तथा भरतपुर के कलाकारों द्वारा मयूर नृत्य की प्रस्तुति दी जावेगी। श्री दशोरा ने बताया कि दो दिवसीय उत्सव में कला रसिकों के लिये प्रवेश नि:शुल्क होगा।