जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में पीडब्यूडी के अधिकारियों ने कहा
शिक्षक भर्ती पर हंगामा
udaipur. शिक्षकों की भर्ती समस्या ओं, बारिश के दौरान टूटी सड़कों की मरम्मत, पेयजल व बिजली समस्या।ओं को लेकर जिला परिषद की साधारण सभा की शुक्रवार को हुई बैठक में सदस्योंम ने काफी हंगामा किया वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद उदयपुर बांसवाड़ा मार्ग को फोरलेन हो पाने में असमर्थता जताई।
जिला प्रमुख मधु मेहता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने शिक्षक भर्ती में सदस्यों की उठाई अनियतिताओं पर कहा कि सदस्य अपनी परिवेदनाएं जिला प्रमुख को आज ही दे दें ताकि शिक्षा समिति के अध्यक्ष और जिला प्रमुख इस पर आवश्यक कार्यवाही कर सकेंगे। जिला प्रमुख सहित संसदीय सचिव गजेन्द्रसिंह शक्तावत, मावली विधायक पुष्करलाल डांगी ने भी सभी विभागों से अपेक्षा की कि सदस्यों द्वारा उठायी गई समस्याओं का समय पर निस्तारण हो जिससे लोगों को राहत मिल सके।
सड़क निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के बाबत सदस्य परमानन्द मेहता, प्रेमप्रकाश लबाना एवं ख्यालीलाल सुहालका के उठाये मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने समस्या समाधान के निर्देश दिये ।
पेयजल समीक्षा में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियन्ता केवीएस राणावत ने बताया कि कहीं भी पेयजल समस्या नहीं है और अशुद्घ पेयजल के प्रकरणों में शीघ्र जल शुद्घिकरण का कार्य किया जा रहा है। सदस्य कचरूलाल एवं परमानंद मेहता द्वारा जयसमंद झील से पेयजल के लिये उदयपुर लाये जा रहे पानी पर अधीक्षण अभियंता ने बताया कि उदयपर शहर के लिये जयसमंद सहित देवास, फतहसागर, पिछोला एवं मानसी वाकल आदि स्रोतों से पानी लिया जा रहा है। उदयपुर शहर की कुल 88 एमएलडी मांग के अनुसार वर्तमान में जयसमंद से मात्र 19 एमएलडी पानी लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के फ्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को डि फ्लोराइड कर शुद्व पेयजल मार्च माह तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
सदस्यों के उदयपुर से बांसवाडा़ मुख्य सड़क को फोरलेन में परिवर्तित करने के सुझाव पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बताया कि उच्चाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह सामने आया कि इस मार्ग पर यातायात पर्याप्त नहीं होने से इसे फोरलेन में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। सदस्यों ने निर्मित होने वाली सड़कों के समय पर नियमित रूप से निरीक्षण करने और गारण्टी अवधि में टूटी सड़कों की मरम्मत करने पर जोर दिया ।
बैठक में प्रधान सुखबीर कटारा (गिर्वा), चमनशेखर सुथार (भींडर), रेशमादेवी (सराडा़), कन्हैयालाल (झाडो़ल), जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्ष सावनसुखा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत आदि मौजूद थे।