यूसीसीआई में राज्यस्तरीय वेण्डर डेवलपमेन्ट कार्यक्रम एवं सेलर-बायर मीट
udaipur. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के वाईस प्रेसीडेन्ट (कॉमर्शियल) राजेश मोहता ने कहा कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी अधिकांश वस्तुएं विदेशों से आयात करनी पड़ रही हैं। बडे़ उद्योगों के लिए भी आज बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये लागत में कमी लाना आवश्यक हो गया है।
वे यहां उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एण्ड मीडियम एन्टरप्राइजेज) विकास संस्थान, जयपुर के तत्वावधान में लघु उद्यमियों के लिये ‘राज्यस्तरीय वेण्डर डेवलपमेन्ट कार्यक्रम एवं सेलर -बायर मीट’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंजने कहा कि यह आम धारणा है कि इम्पोर्टेड माल की क्वालिटी अच्छी होती है। उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद खरीदने हेतु परचेज डिपार्टमेन्ट की जिम्मेदारी और बढ गई है। मोहता ने बडे उद्योगों हेतु नियमित खरीद आवश्य कताओं की आपूर्ति हेतु लघु सहायक (एनसलरी) इकाईयों की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम में एमएसएमई-विकास संस्थान, जयपुर के उपनिदेशक विकास गुप्ता एवं एमएसएमई-विकास संस्थान, जयपुर के सहायक निदेशक के.सी. भुकेश उपस्थित थे।
अध्यक्ष महेन्द्र टाया ने स्वागत करते हुए कहा कि उदयपुर संभाग में अधिकांश व्यावसायिक एवं आर्थिक गतिविधियाँ लघु उद्योगों पर निर्भर है। मानद महासचिव आशीष छाबडा़ ने कहा कि यूसीसीआई का यह सतत् प्रयास है कि लघु उद्योगों के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ उद्यमियों तक पहुंच सके।
एसएमई संस्थानन के उपनिदेशक गुप्ता ने बताया कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य लघु उद्योगों को बढ़ावा देना तथा उन्हें वित्तीउय एवं तकनीकी मार्गदर्शन देने के अलावा उत्पाद के विपणन में सहायता प्रदान करना है।
यूसीसीआई की उपाध्यक्ष डॉ. अंशु कोठारी ने संस्थान के प्रयास की सराहना की। तकनीकी सत्र में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, राजस्थान स्टेट माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड, वॉलकेम इण्डिया लिमिटेड, पायरोटेक इलेक्टॉनिक्स प्राईवेट लिमिटेड, सिक्योर मीटर्स लिमिटेड आदि संस्थानों के अधिकारियों द्वारा दृश्य श्रव्य माध्यम द्वारा लघु उद्यमियों को उनके संस्थान की खरीद आवश्यककताओं तथा खरीद प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की।