भुवाणा स्थित महाप्रज्ञ विहार में अहिंसा दर्शन परिवार के परिप्रेक्ष्य में विषयक संगोष्ठी
udaipur. भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने परिवारों में सौहार्दपूर्ण वातावरण सदैव बनाए रखने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि बच्चों में शैशवकाल से ही अच्छे संस्कारों का बीजारोपण किया जाए तो समाज और परिवार में परस्पर अच्छा वातावरण बना रह सकता है। इसके लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को पहल करनी चाहिए।
माहेश्वरी मंगलवार को भुवाणा स्थित महाप्रज्ञ विहार में तेरापंथी सभा की और से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर आयोजित अहिंसा दर्शन परिवार के परिप्रेक्ष्य में विषयक संगोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रही थी। उन्होंने सोमवार शाम को शहर में घटित एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आज संपति के लिए लोगों में कितना स्वार्थ भर गया है कि वे मोक्ष मार्ग पर जाने वालों के मार्ग में भी अवरोध का काम कर रहे है। हमें इस बात पर मनन करने की आवश्यकता है कि हम बुराई को छोड़े और अच्छाईयों को ग्रहण करें। इससे जहां परिवार में परस्पर सौहार्द की भावना को मजबूत करने को बल मिलेगा वहीं दूसरी और समाज विकास के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने अत्याचार सहने और देखने को भी हिंसा की श्रेणी में शामिल करते हुए कहा कि लोग उनके पास वृद्धाश्रम खोलने का आग्रह करते हुए आते है। आज इनकी जरूरत क्यों आ पड़ी। इस तरह के आश्रम खोलने की बजाय परिवार के बुजुर्गों को घर में रखने की प्रवृति विकसित करें। इससे बच्चे घर में सुसंस्कारित बन जाएंगे और परिवार में माहौल सुखद रह सकेगा।
आचार्यश्री महाश्रमण के शिष्य शासनश्री मुनि राकेशकुमार ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा कि अहिंसा भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ अहिंसा जुड़ी और भगवान महावीर स्वामी ने भी कहा था कि मनुष्य के जीवन व्यवहार के साथ अहिंसा के भाव का समावेश हो। गांधीजी ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में अहिंसा का प्रादुर्भाव किया। आज के परिवेश में भी इसकी महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने व्यक्ति में स्वार्थ की भावना को हिंसा का प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि हम उदार बने और विचारों का सम्मान करने का प्रयास करें तभी परिवार और समाज में परस्पर सौहार्द का वातावरण विकसित हो सकता है। दांपत्य जीवन में टकराव भी अहम का ही मुख्य कारण है। इसलिए हम अपने अहम को त्यागने का प्रयास करें। इस अवसर पर मुनि सुधाकर, मुनि दीपकुमार, सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में छात्र अधिष्ठाता प्रो. कैलाश सोड़ानी ने भी विषय की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में तेरापंथी सभा अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी के आयोजन की जानकारी दी। महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती कंचन सोनी ने समारोह की अध्यक्ष श्रीमती माहेश्वरी को साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया। तेरापंथी सभा मंत्री अर्जुनलाल खोखावत ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार की रस्म सह मंत्री ओमप्रकाश खोखावत ने अदा की। संचालन रवि जैन ने किया।