सरकार पैराटीचर प्रबोधकों की शीघ्र भर्ती करे
udaipur. संसदीय सचिव गजेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा कि शिक्षकों की वर्तमान में भूमिका बदल रही है। शिक्षकों की जिम्मेदारी महज पाठ पढ़ाने तक ही सीमित नहीं है, अब उन्हें अपने विद्यार्थी की अंगुली पकडक़र सामाजिक जीवन से जोडऩा है। वे दो दिवसीय शिक्षक सम्मेलन में छात्र-शिक्षक समस्याओं पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंरने कहा कि शिक्षक समाज और इस देश में खुद की भूमिका को पहचाने तथा उसी अनुरुप अपनी मानसिकता बनाए। अध्यक्षता कर रहे प्रो. सारंगदेवोत ने माता-पिता और भगवान के बाद गुरुजन का स्थान बताया। कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने एवं गांव गांव ढाणी ढाणी में शिक्षा की अलख जगाने के लिए राजीव गांधी पाठशालाओं के करीब 40 हजार पैराटीचर्स शिक्षा सहयोगी एवं उससे भी पूर्व 8 हजार शिक्षाकर्मियों की भर्ती की गई थी।
राजस्थान प्रबोधक संघ के जिलाध्यक्ष दिलीपसिंह कच्छेर ने बताया कि निर्वतमान सरकार ने करब 27 हजार पैराटीचर शिक्षाकर्मियों को विधेयक पारित करते हुए पंचायतराज प्रबोधक सेवानियत 2008 द्वारा नियमित नियुक्ति प्रदान की। इस दौरान उदयपुर जिले में 2050 शिक्षाकर्मी पैराटीचर में से करीब 980 ने प्रबोधक पद पर नियुक्त हुए। वर्तमान में सरकार को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से इन एक हजार प्रबोधक की भर्ती सुनिश्चित करें। राजस्थान विद्यापीठ के कंप्युटर आईटी सभागार में हुआ। अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने की। कार्यक्रम में शांतिलाल मेहता, विजयलाल मेनारिया, पवन चौबीसा ने भी विचार रखे तथ्ज्ञा महामंत्री बंशीलाल रेबारी ने कार्यक्रम का संचालन किया।