महंगाई, सरकारी नीतियां भी जिम्मेदार
Udaipur. रियल एस्टेट क्षेत्र में दीपावली के बाद अच्छे उठाव के आसार हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्राद्धपक्ष में कारोबार कमजोर ही रहा है। कारोबार कमजोर रहने के मुख्य कारणों में मंहगाई बताया जा रहा है वहीं सरकारी नीतियों के कारण भी यह गति नहीं पकड़ पा रहा है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया के तहत कारोबार को गति देने का प्रयास जरूर किया लेकिन हालात जस के तस हैं। अब रिजर्व बैंक पर नजरें टिकी हैं कि वह ऋण दरों में कुछ ओर कमी करे तो कारोबार पटरी पर आ जाएगा।
Builders भी फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति अपनाए हैं। बढ़ती महंगाई के बावजूद दरों में अब तक ये वृद्धि नहीं कर पाए हैं। वर्तमान में शहर में 2000 से 2500 रुपए प्रति वर्गफीट की दर पर फ्लैट उपलब्ध हैं। दो वर्षों से यही दर है। बिल्डरों ने मुनाफा कम कर जनता पर महंगाई की मार नहीं पड़ने दी लेकिन अब स्थिति इनके भी बूते से बाहर हो रही है। यही कारण है कि दीपावली बाद कीमतों में करीब 200 से 500 रुपए प्रति वर्गफीट के उछाल आने की उम्मीद है।
महालक्ष्मी बिल्डहोम प्रा. लि. के लक्ष्मणदास बजाज ने बताया कि वर्तमान में रियल एस्टेट का मार्केट बढ़ तो रहा है लेकिन मंथर गति से। सरकारी नीतियों में बार-बार बदलाव होने से, मेटेरियल व लेबर कोस्ट में जबरदस्त बढो़तरी होने से बिल्डरों की कमर टूट गई है। वे चाहकर भी जनता को कम दर पर फ्लैट उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
रिद्धी-सिद्धी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. के प्रबन्ध निदेशक श्याम बी. गुप्ता ने बताया कि श्राद्ध पक्ष के कारण रियल एस्टेट का कारोबार ठंडा है लेकिन जल्द ही कारोबार से मंदी की काली छाया का असर हटेगा।
रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े दीपक परिहार ने बताया कि पर्यटक सिटी होने के कारण शहर में पांच सितारा होटलें आ रही है। मल्टी स्टोरिज बिल्डिंग व मॉल के डवलपमेन्ट को देखते हुए रियल एस्टेट कारोबार में तेजी दिखाई दे रही है। चारों ओर विकास तो हो ही रहा है।
बूला कम्फकर्ट्स प्रा. लि. के नरेश बूला ने बताया कि व्योक्ति फ्लैट लेने का तो इच्छुक है लेकिन ऋण की दर अधिक होने से इस ओर अपना मानस नहीं बना पा रहा है। आर्थिक सुधार प्रक्रिया जारी रहने से नकद प्रवाह में वृद्धि होने की संभावना है। ऐसे में नकद प्रवाह का प्रभाव कारोबार में भी देखने को मिलेगा।
ड्रीम शेपर्स बिल्डकोन प्रा. लि. के निदेशक राकेश भानावत ने बताया कि रेती, सीमेन्ट, लोहा, स्टील, मजदूरी में जबरदस्त मंहगाई होने के कारण जनता इस ओर कोई रुचि नहीं ले रही है। डीजल की दरों में भी वृद्धि का असर इसकी निर्माण लागत पर पड़ा है। तीन माह से ऐसी ही स्थितियां हैं। सरकारी नीतियों के कारण नये प्रोजेक्ट बाजार में नहीं आ पा रहे हैं।
हीतावाला कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. के मंसूर अली हीतावाला ने बताया कि पिछले 4-6 माह से मार्केट स्लो है, लेकिन दीपावली बाद इसमें तेजी के आसार हैं। जनता भी नये मुहूर्त में फ्लैट बुक कराने की सोच रही है। जनता वर्तमान में रियल एस्टेट के बजाय गोल्ड में निवेश कर रही है।