दीक्षा के बाद नए नाम मिले आदित्य सागर, प्रशस्तमति, क्षुल्लक प्रार्थनामति माताजी
udaipur. आचार्य अभिनंदनसागर महाराज के सानिध्य में आज टाऊनहॉल में त्रय जेनेश्वरी दीक्षा महोत्सव आयोजित हुआ। जिसमें आचार्य अभिनंदन सागर महाराज ने तीनों दीक्षाथियों बह्मचारिणी कमला बाई सेठी,क्षुल्लक दिव्यानंद सागर तथा बह्मचारिणी चन्द्र रेखा को दीक्षा देकर ससंघ में सम्मिलित किया। मुख्य अतिथि नगर परिषद सभापति रजनी डांगी तथा विशिष्ठ अतिथि जिला प्रमुख मधु मेहता थी।
प्रांरभ में दीक्षा महोत्सव का शुभारंभ आचार्य अभिनंदन सागर महाराज द्वारा किये गये ध्वाजारोहण से हुआ। तत्पश्चात समारोह में जन जागृति महिला मंच की बालिकाओं द्वारा मंगलाचरण के साथ नृत्य प्रस्तुत किया गया। समारोह में आज तीनों दीक्षार्थियों कमला बाई, क्षुल्लक दिव्यानंद सागर तथा ब्रह्मचारिणी चन्द्ररेखा सहित उनके धर्म माता पिता का भी सम्मान किया गया। सभी दीक्षाथियों ने आचार्य अभिनन्दन सागर से दीक्षा दिलाने का आग्रह किया जिसे स्वीकार करते हुए गुरूदेव ने तीनों दीक्षार्थियों को दीक्षा देने के बाद प्रारंभ होने वाले कर्तव्यों के बारे में अवगत कराया, जिन्हें तीनों ने बड़ी सहजता के साथ स्वीकार करते हुए गुरूदेव से आशीर्वाद लिया।
आचार्य अभिनंदन सागर ने समारोह में दीक्षार्थियों के केश लोच की पंचमुष्ठी प्रक्रिया निभाई। केश लोच के पश्चात महिला दीक्षार्थियों ने वस्त्र परिवर्तन व आभूषण का परित्याग कर जब पुन: मंच पर आई तो समारोह में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं की आंखे दो रूपों में भर आयी कि एक तो दीक्षार्थियों ने अपना सांसारिक जीवन त्याग कर साधुत्व जीवन अपनाया और दूसरा अब श्रद्धालुओं को नये साधु-साध्वियों की सेवा करने का अवसर मिलेगा।
आचार्य ने दीक्षार्थियों के सिर की शुद्धि करने हेतु स्वास्तिक बनाया। 108 लौंग रख उनके नये नामों की घोषणा की। दीक्षा पश्चात दीक्षार्थियों को मण्डल, शास्त्र एंव पिछी भेंट करने तथा तीनों दीक्षार्थियों के केश लोच झेलने की बोलियां बोली गई। प्रारंभ में कालूलाल चित्तोडा़ एवं परिवार ने चित्र का अनावरण किया।
इससे पूर्व दोपहर साढ़े बारह बजे तीनों दीक्षार्थियों की शोभायात्रा निकाली गई जो बीसा हुमड़ भवन से प्रांरभ होकर सुरजपोल, बापूबाजार, होती हुई टाऊनहॅाल पहुंची। आचार्य अभिनंदन सागर महाराज ससंघ शोभायात्रा के साथ चल रहे थे। हाथी, घोड़े व बैण्डबाजे सुसज्जित शोभायात्रा में सैकड़ों इन्द्र-इन्द्राणी गुलाबी वस्त्र धारण कर सिर पर कलश लिये चल रहे थे।
आचार्य सुकमालनन्दी के आगमन एवं अभिनन्दन सागर से अपूर्व मिलन पर स्वागत हुआ और पाण्डाल में उपस्थित हजारों श्रद्धलुओं ने इस अद्भुत मिलन को देख गद्गद हो गये।
चातुर्मास के दौरान सर्वाधिक माला जाप करने वाले तीन लोगों को सम्मानित किया गया। चातुर्मास के दौरान भोजन व्यवस्था करने वाले अजीत मिण्डा एवं शांतिलाल वेलावत का भी सम्मान किया। इससे पूर्व आचार्य अभिनंदन सगार महाराज चातुर्मास समिति के परम संरक्षक शांतिलाल नागदा, महामंत्री चंदनमल छापिया, कार्याध्यक्ष नाथुलाल खलुंडिया तथा हेमन्त गदिया ने अतिथियों का स्वागत एंव अभिनंदन किया।
दीक्षा ग्रहण करने के बाद क्षुल्ल्क दिव्यानंद सागर आदित्य सागर, ब्रह्म.चन्द्ररेखा प्रशस्ति माताजी तथा ब्रह्म. कमलाबाई सेठी क्षुल्लक प्रार्थनामति माताजी बनी।