एयरो स्पेस रक्षा तकनीक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 30 को
udaipur. इंजीनियरिंग के छात्रों को अंतरिक्ष, रक्षा, गैस टर्बाइन अनुसंधान के सम्बन्ध में जानकारी देने के लिए मंगलवार को शहर के गीतांजलि इंस्टी्ट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में एयरोस्पेस टेक्नोलोजी इन डिफेन्स विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एस. आर. बालकृष्णन भाग लेंगे वहीं इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक लक्ष्मी रमन एवं सतीश धवन केन्द्र श्री हरिकोटा के वरिष्ठ वैज्ञानिक ए. रमन भी हिस्सा लेंगे। अध्यक्षता गीतांजलि एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष जे. पी. अग्रवाल करेंगे।
पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में लक्ष्मी रमन ने बताया कि मानव रहित ड्रोम हमलों के मामले में अभी भारत तैयार नहीं है। अभी उसे दूसरों पर ही निर्भर रहना है। इसरो और नासा में फर्क को लेकर प्रो. रमन ने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए नासा से अच्छा संस्थान कोई नहीं है वहीं इसरो में काम करना यानी अपने देश के लिए काम करना, इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। उन्होंरने बताया कि संगोष्ठी में विद्यार्थियों एवं शिक्षा विशेषज्ञों को अन्य देशों के हमलों से बचाने एवं दुश्मनों के मुकाबले के लिए अनुभवी वैज्ञानिक देश में बनाई जा रही मिसाइलों, खुफिया उपग्रह प्रणाली, अंतर महादीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम), मानव रहित ड्रोन विमान आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य उपग्रह व राकेट के बारे में जानकारी देना, नई तकनीक सिखाना, आधुनिक युद्ध से निपटने में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता एवं रचनात्मकता एवं प्रेरणा देना है।
पांच सत्रों में होने वाली संगोष्ठीव में डॉ. बालकृष्ण।न खुफिया उपग्रह के बारे में जानकारी देंगे वहीं इसरो की वैज्ञानिक लक्ष्मी रमन, अंतर महादीपीय बैलेस्टिक मिसाइल के बारे में विस्तार से जानकारी देंगी। डॉ. ए. रमन अंतरिक्ष रक्षा प्रौद्योगिकी में हो रहे नित नए रिसर्च एवं डवलपमेंट, उन्नत तकनीक, देश को दुश्मनों से बचाने के लिए विकसित लागत प्रभावी समाधान की जानकारी भी दी जाएगी। प्रेस वार्ता में गिट्स के निदेशक बी. एल. खमेसरा, (वित्त) बी. एल. जांगिड़ आदि भी मौजूद थे।