udaipur. मधुमेह एंव हार्मोन्स रोग विशेषज्ञ डॉ. डी. सी. शर्मा ने कहा कि आम तौर पर शरीर में उत्पन्न होने वाले रोग हार्मोन्स के असंतुलन के कारण होते है जिनके बारें में हमें जानकारी इस वजह से नहीं हो पाती है कि हार्मोन्स के लक्षणों का पता बहुत मुश्किल से पड़ता है।
उसका निदान बहुत मुश्किल होता है लेकिन जब निदान हो जाता है तो उसका उपचार बहुत आसान होता है। शरीर में उत्पन्न होने वाले अधिकांश रोगों के जनक हार्मोन्स ही है। इसमें हड्डियों संबंधी ओस्टियोपोरोसिस एक ऐसा हार्मोन्स है जिसकी पुख्ता जानकारी के अभाव में रोगी दर-दर भटकते हुए अपने रोग को काफी बढ़ा देता है लेकिन इसका ईलाज समय रहते प्रभावी रूप से किया जा सकता है।
वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित ‘अपने हार्मोन्स के बारें में जानें’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होनें बताया कि हार्मोन्स के लक्षण आम तौर पर शुरूआत अवस्था में पकड़ में नहीं आते है क्योंकि इसके लक्षण बहुत धीरे-धीरे प्रकट होते है। इस कारण रोगी व चिकित्सक रोगों पर शंका नहीं कर पाता है। जिस कारण निदान देरी से हो पाता है। उन्होनें बताया कि रोगी की लापरवाही तथा सेक्स संबंधी हार्मोन्स के असंतुलन से उत्पन्न परिस्थितियों में संकोचवश व जानकारी के अभाव में रोगी चिकित्सक से उचित परामर्श नहीं ले पाता है।
हार्मोन्स संबंधी रोग- डॉ. शर्मा ने बताया कि हार्मोन्स के असंतुलन के कारण शरीर में मधुमेह,थायरोईड,प्रजनन संबंधी रोग,मोटापा,शरीरिक विकास संबंधी,मासिक धर्म संबंधी ,किशोरावस्था संबंधी,बालिकाओं में अनचाहे बाल व मासिक चक्र संबंधी, बार-बार हड्डियों का टूटना, तथा ओस्टियोपोरोसिस संबंधी रोग जन्म लेते है।
हार्मोन्स के असंतुलन के लक्षण – उन्होनें बताया कि हार्मोन्स के असंतुलन के कारण शरीर में सुस्ती आना,थकान महसूस होना, अकारण वजन में परिवर्तन,अवसाद सा लगना,पाचन संबंधी रोग,चमड़ी में सूखापन,मासिक चक्रकी समस्याएं आदि ऐसे लक्षण है जो अधिकांशत: महिलाओं में ही पाये जाते है। जीवन में अनके प्रकार की समस्याओं से ग्रसित महिला व पुरूष शरीर में उत्पन्न होने वाले इन लक्षणों को पहचान नहीं पाता है।
ग्रन्थिंया- शरीर अनेक प्रकार की ग्रन्थियंा पायी जाती है लेकिन उनमें से प्रमुख पियूष, थायरोईड, अग्नाशय, एड्रिनल तथा अंडाशय ग्रन्थि है जो शरीर पर व्यापक रूप से प्रभाव डालती है। क्लब अध्यक्ष सुशील बांठिया ने विषय संबंधी संक्षिप्त जानकारी दी तथा अंत में सचिव ओ. पी. सहलोत ने सचिविय सूचनांए प्रदान की। प्रारंभ में विजयलक्षमी बंसल ने ईश वंदना प्रस्तुत की।