udaipur. गत 45 वर्षों से लेखन कर रहे रंगकर्मी रिजवान जहीर उस्मान ने शनिवार को दम तोड़ दिया। 65 वर्षीय रिजवान की किडनियां खराब होने के कारण उनका प्रति सप्ताह डायलिसिस किया जा रहा था।
रिजवान के इंतकाल की खबर सुन उनके प्रशंसकों में मायूसी छा गई। शनिवार शाम उनके इंतकाल की खबर सुन उनके शिष्य, प्रशंसक व अन्य लोग उनके पैतृक निवास भूतमहल पहुंच गए। उनकी अंतिम यात्रा रविवार सुबह 9 बजे उनके स्थान से रवाना होगी जो अश्विनी बाजार स्थित कब्रिस्तान पहुंचेगी।
रिजवान करीब डेढ़ सौ से अधिक नाटकों का मंचन व प्रदर्शन कर चुके थे। 50 से अधिक नाटकों का निर्देशन भी किया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा नाट्य लेखन एवं निर्देशन के लिए लाइफ टाईम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। साहित्य अकादमी द्वारा नाटक ’कल्पना पिशाच’ के लिये ’देवीलाल सामर नाट्य लेखन पुरस्कार’ दिया जा चुका है। जयपुर के जवाहर कला केन्द्र द्वारा आयोजित पूर्वांकी नाट्य लेखन में सर्वश्रेष्ठ नाटक ‘‘वही हुआ जिसका डर था तितली कों‘ पुरस्कृत किया गया था।
VERY SAD.A very big loss of stage.
Panch dashak se Udaipur ke rang manch par chamakta sitara aaj dub gaya. Rizvan Zahir Usman (my uncle) ke rukhasat se ek savedanshil kalapremi lekhak aur sudharak ki kami rangmanch ko har samay unki yad dilayegi. Alveeda Mamujan
रिजवान जहीर उस्मान की मृत्यु…मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है…एक बडा भाई और पथ प्रदर्शक नहीं रहा…उनके साथ कुछ नाटकों में काम करने की स्मृति ही सिर्फ रहेगी….
मशहूर रंगकर्मी जनाब रिजवान जहीर ‘उस्मान’ के इंतकाल का समाचार सुन कर बहुत दुःख हुआ।
प्रदेश और देश ने विलक्षण प्रतिभाओं से सम्पन्न रंगकर्मी और रंगमंच प्रशिक्षक खो दिया है।
सन् 2004-05 में जिन दिनों मैं उदयपुर में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के पद पर कार्यरत था, वहां उस्मान साहब से रोजाना मुलाकात हो ही जाती थी। वे एक सहृदय, सादगीपूर्ण और सरल-सहज इंसान थे जिनकी कमी हमेशा महसूस की जाती रहेगी।