Udaipur. उदयपुर वरिष्ठ नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. ए. के. गुप्ता ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष 0.3 से 0.5 प्रतिशत बच्चे जन्जात गूंगे, बहरे के रूप में पैदा होते है लेकिन सभी बच्चे इस बीमारी में काम आने वाला कोकलीन इम्प्लान्ट का उपचार इसलिए नहीं करवा पाते है कि वह काफी मंहगा होता है। यदि समय रहते जन्म के 1 वर्ष बाद से लेकर जितना जल्दी उसका ईलाज करवा लिया जाए तो उसके सकारात्मक परिणाम सामने आते है और रोगी अपना सामान्य जीवन जी सकता है।
वे आज रोटरी क्लब उदयपुर एंव सज्जनराज-कमला मेहता के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय नि:शुल्क जंाच एंव उपचार नाक,कान,गला शिविर के समापन अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि उन्होनें अब तक ऐसे 5 रोगियों को उपचार के बाहर रेफर किया है। शिविर के दूसरे दिन 522 रोगियों की जांच की गई। शिविर में जहंा 30 रोगियों को हिअरिंग एड मुहैया करा गए वहीं 5 रोगियों का ऑपरेशन हेतु चयन किया गया। दोनों दिन रोगियों का तंाता लगा रहा।
जयपुर के वरिष्ठ नाक,कान, गला रोग विशेषज्ञ डॅा. प्रकाश गोलेछा ने कहा कि शरीर में होने वाली जानलेवा बीमारियों के पीछे मुख्य कारण नाक,कान,गला में इन्फेक्षन का होना रहता है। इसलिए इस रोग को हलके में नहीं लेना चाहिए। डॅा. गोलेछा अब तक 2500 शिविरों में करीब 7-8 लाख रोगियों का ईलाज कर चुके है। सज्जनराज मेहता व कमला ने कहा कि वे भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों में सहयोग करने हेतु तत्पर रहेंगे।
प्रांरभ में क्लब अध्यक्ष सुशील बांठिया ने शिविर की सफलता में सेवा सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया। क्लब शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस प्रकार के शिविर आयोजित करेगा। कार्यक्रम में क्लब की ओर से रोगियों को अतिथियों व चिकित्सकों ने कवल्लभ देवी, कनकमल हाड़ोतिया,भगवतीलाल शास्त्री,भंवरसिंह,भंवरलाल मेघवाल सहित 30 रोगियों को हिअरिंग एड प्रदान किए। साथ ही शिविर में सहयोग वाले सेवा सहयोगियों हिरण मगरी से.4 के जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के महेन्द्र मेहता,कानन गोलेछा,डॅा. नितिन शर्मा, भागवत,को सम्मानित किया गया।
सचिव ओ. पी. सहलोत, सहायक प्रान्तपाल रमेश चौधरी, नक्षत्र तलेसरा, पदम दुगड़, सरला बांठिया, कमला मेहता, कानन गोलेछा,गणेश डागलिया, अध्यक्ष निर्वाचित बी. एल. मेहता, कर्नल बी. एल. जैन, वी. के. सूद, मधु सूद, मुनीष गोयल, डी. पी. धाकड़, मधु नाहर,जतिन नागौरी,डॅा. एन. सी. बंसल व डॅा. लोकेश परतानी का विशेष सहयोग रहा। संचालन सहायक प्रान्तपाल रमेश चौधरी ने किया।